PM मोदी के दौरे से पहले पुष्कर में मिली परिवार की पोथी, 44 साल पुराने दस्तावेज में चाय बेचने का भी जिक्र

पुष्कर : पीएम मोदी के राजस्थान दौरे से पहले उनके पूर्वजों के इतिहास से जुडी एक पोथी (मैन्युस्क्रिप्ट) पुष्कर से प्राप्त हुई है, ये पोथी करीब 44 साल पुरानी बताई जा रही है। इसमें उनके पूर्वजों के साथ, माता पिता, और स्वयं पीएम मोदी की भी जानकारी दर्ज है। इस पोथी के अनुसार 1979 में प्रधानमंत्री मोदी के पूर्वज राजस्थान में आए थे। बता कि प्रधानमंत्री मोदी आज करीब 3 बजे के आस पास राजस्थान के किशनगढ़ पहुंचेगे। इसके बाद सेना के हेलीकॉप्टर से पुष्कर के लिए रवाना होंगे और दोपहर 3:35 बजे पुष्कर पहुंचकर ब्रह्मा मंदिर में पूजा-अर्चना और अभिषेक करने वाले हैं। पुष्कर के दर्शन करने के बाद कायड़ विश्रामस्थली में सभा को संबोधित करेंगे। प्रधानमंत्री नौ साल के कार्यकाल पूरा होने का जश्न मनाने के साथ नई योजना की घोषणा भी कर सकते हैं। इसके साथ ही राजस्थान में विधानसभा चुनाव के लिए पीएम मोदी बीजेपी की तैयारियों को भी शुरू कर देंगे।

modi pothi
PM मोदी के दौरे से पहले पुष्कर में मिली परिवार की पोथी, 44 साल पुराने दस्तावेज में चाय बेचने का भी जिक्र 4

पीएम मोदी के चाय बेचने जिक्र

इस पोथी से पीएम मोदी के पूर्वजों के बारे में जो जानकारी निकलकर सामने आती है उसके मुताबिक पीएम मोदी के बुजुर्ग संवत 2036 में वहां गए थे। पोथी इस रिकॉर्ड के साथ यह भी बताती है कि जिस चाय की दुकान (स्टेशन होटल) पर मोदी काम करते थे, वह गुजरात के वडनगर में उस समय मौजूद हुआ करती थी। जानकारी के लिए आपको बता दें कि जिस तरह पीएम मोदी की पोथी मिली है, वैसे ही हिंदुओं में इसको वंशावली के इतिहास की तरह देखा जाता है। इसमें भी भी राजस्थान और इलाहबाद के पंडा सबसे आगे रहते हैं। ये लोग शताब्दियों से वंशावलियों का लेखन करते आए हैं। वहीं अगर बात करें पुष्कर की तो हिंदू सनातन धर्म में पुष्कर तीर्थ में पूर्वजों का श्राद्ध करने को बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है।

mothi poithi
PM मोदी के दौरे से पहले पुष्कर में मिली परिवार की पोथी, 44 साल पुराने दस्तावेज में चाय बेचने का भी जिक्र 5

पुष्कर का हिन्दू धर्म में एक खास स्थान है, क्योंकि इसको भगवान राम से जोड़कर देखा जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम ने भी पुष्कर में अपने 7 कुल और 5 पीढ़ियों के पूर्वजों का उद्धार यहां श्राद्ध करके किया था। पुष्कर एकमात्र ऐसा तीर्थ है जहां पर 7 कुल और 5 पीढ़ियों तक के पूर्वजों के निमित्त श्राद्ध कर्म किया जाता है। जबकि देश में अन्य किसी भी तीर्थ स्थलों पर एक या दो पीढ़ी तक के पूर्वजों के लिए श्राद्ध किए जाते हैं। पुष्कर जगत पिता ब्रम्हा की नगरी है, वहीं पवित्र पुष्कर सरोवर के जल को नारायण के रूप में पूजा जाता है। पुष्कर के विषय में कहा जाता है कि यहां पर श्रद्धा के साथ पूर्वजों का श्राद्ध करने से उन्हें मोक्ष धाम की प्राप्ति होती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *