मशहूर तबला वादक उस्ताद जाकिर हुसैन का 73 साल की उम्र में निधन

मशहूर तबला वादक और पांच बार ग्रैमी अवार्ड के विजेता उस्ताद जाकिर हुसैन का सैन फ्रांसिस्को के एक अस्पताल में निधन हो गया। इस बात की जानकारी उनके परिवार ने दी है। 73 साल के हुसैन को अस्पताल में भर्ती कराया गया था और बाद में इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस की वजह से उनका निधन हो गया।

सोमवार की सुबह उनके परिवार ने आधिकारिक बयान में पुष्टि की है। उन्होंने कहा, ‘दुनिया के सबसे उत्कृष्ट संगीतकारों में से एक जाकिर हुसैन का 73 साल की उम्र में सैन फ्रांसिस्को में इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस से निधन हो गया।’ परिवार ने कहा, ‘वह अपने पीछे एक असाधारण विरासत छोड़ गए हैं, जिसे विश्व भर के असंख्य संगीत प्रेमी संजोकर रखेंगे, जिसका प्रभाव आने वाली पीढ़ियों तक रहेगा।’

जाकिर हुसैन के परिवार में कितने सदस्य

जाकिर हुसैन के परिवार में उनकी पत्नी एंटोनिया मिनेकोला, उनकी बेटियां अनीसा कुरैशी (उनके पति टेलर फिलिप्स और उनकी बेटी जारा) और इसाबेला कुरैशी, उनके भाई तौक कुरैशी और फजल कुरैशी व उनकी बहन खुर्शीद औलिया हैं। 1951 में जन्मे हुसैन को 1988 में पद्म श्री, 2002 में पद्म भूषण और 2023 में पद्म विभूषण से नवाजा गया था।

फरवरी में हुसैन 66वें एनुअल ग्रैमी अवार्ड्स में बेस्ट ग्लोबल म्यूजिक एल्बम, बेस्ट ग्लोबल म्यूजिक परफॉरमेंस और बेस्ट कंटेम्पररी इंस्ट्रूमेंटल एल्बम के लिए तीन ग्रैमी पुरस्कार हासिल करने वाले भारत के पहले संगीतकार बन गए। मशहूर तबला वादक जाकिर हुसैन एक जाना-माना नाम थे। उन्होंने अपने छह दशक के करियर में देश ही नहीं बल्कि दुनिया के कई फेमस कलाकारों के साथ में काम किया। तबला वादक जाकिर हुसैन और टी.एच. ‘विक्कू’ विनायकराम के साथ फ्यूजन बैंड ‘शक्ति’ की शुरुआत की थी, लेकिन 1977 के बाद ये बैंड बहुत ज्यादा सक्रिय नहीं रहा।

महाराष्ट्र के राज्यपाल और शरद पवार ने दुख जताया

महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने तबला वादक उस्ताद जाकिर हुसैन के निधन पर दुख व्यक्त किया है और कहा है कि देश ने अपने सबसे प्रिय और प्रिय सांस्कृतिक प्रतीकों में से एक को खो दिया है। हुसैन के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार ने कहा, ‘प्रसिद्ध तबला वादक पद्म भूषण उस्ताद जाकिर हुसैन के निधन की खबर दिल दहला देने वाली है। जाकिर हुसैन भारत के सबसे प्रसिद्ध तबला वादक के रूप में जाने जाते थे और एक बहुमुखी व्यक्तित्व के धनी थे।” पवार ने कहा, “उन्होंने भारतीय संगीत के एक वाद्य यंत्र तबले को विश्व मंच पर स्थापित किया… कला जगत के एक दिग्गज का आज निधन हो गया।’


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