तिरुवनंतपुरम — केरल के तिरुवनंतपुरम इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर 15 जून को आपात लैंडिंग करने वाला ब्रिटिश F-35B स्टील्थ फाइटर जेट अब तक वहीं खड़ा है। तकनीकी खराबी के कारण उड़ान भरने में असमर्थ इस अत्याधुनिक लड़ाकू विमान को अब विशेष विमान के जरिए यूनाइटेड किंगडम ले जाने की तैयारी की जा रही है।
ब्रिटिश रॉयल नेवी के इस F-35B लाइटनिंग जेट को अब अमेरिकी C-17 ग्लोबमास्टर ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट में लादकर एयरलिफ्ट करने का विकल्प तलाशा जा रहा है। इस श्रेणी के स्टील्थ फाइटर के लिए यह एक दुर्लभ कदम माना जा रहा है, क्योंकि आमतौर पर इन्हें फील्ड में मरम्मत के बाद उड़ा लिया जाता है।
इमरजेंसी लैंडिंग का कारण बना खराब मौसम और कम फ्यूल
15 जून को सुबह करीब 9:30 बजे, नियमित भारत-ब्रिटेन नौसैनिक अभ्यास के बाद लौट रहे इस फाइटर जेट को प्रतिकूल मौसम के कारण HMS प्रिंस ऑफ वेल्स विमानवाहक पोत पर उतरने की अनुमति नहीं मिली। इसके बाद इसे तिरुवनंतपुरम की ओर मोड़ा गया, जहां पायलट ने सुरक्षित आपात लैंडिंग की।
ब्रिटिश उच्चायोग ने अपने बयान में कहा कि खराब मौसम और अपेक्षा से कम फ्यूल स्तर के कारण यह निर्णय लिया गया था। भारतीय वायु सेना के सूत्रों के अनुसार, रॉयल नेवी के अनुरोध पर लॉजिस्टिक सहायता तुरंत प्रदान की गई।
तकनीकी समस्या बनी बाधा, उड़ान नहीं भर पा रहा जेट
आपात लैंडिंग के बाद जेट में गंभीर “इंजीनियरिंग समस्या” सामने आई, जिसे स्थानीय स्तर पर ठीक नहीं किया जा सका। अब तक की फील्ड रिपेयरिंग कोशिशें असफल रही हैं, जिससे इसे उड़ान योग्य नहीं बनाया जा सका है।
F-35 कार्यक्रम: अब तक का सबसे महंगा रक्षा विमान प्रोजेक्ट
F-35 कार्यक्रम दुनिया का सबसे बड़ा और महंगा सैन्य विमान विकास कार्यक्रम है। वैश्विक स्तर पर इस फ्लीट ने अब तक 800,000 घंटे से अधिक की उड़ानें पूरी की हैं। इज़राइल, अमेरिका, ब्रिटेन और अन्य सहयोगी देश इसे रणनीतिक अभियानों में सक्रिय रूप से उपयोग कर रहे हैं।