भगवान गणेश के 108 नामों में उनके दिव्य रूप, गुण, और कृत्य का अद्भुत वर्णन मिलता है। इन नामों का स्मरण और जप करने से भक्तों को आशीर्वाद प्राप्त होते हैं। यहाँ उनके 108 नामों की सूची, उनके स्वरूप, गुण, और कृत्य के साथ दी गई है:
- वक्रतुंड – कठिनाइयों को नष्ट करने वाले।
- एकदंत – त्याग का प्रतीक, एक दांत वाले।
- गजानन – विशालता और बुद्धिमानी के प्रतीक।
- लंबोदर – सहनशीलता और उदारता के प्रतीक।
- विघ्नहर्ता – सभी बाधाओं को दूर करने वाले।
- सिद्धिविनायक – सिद्धियों और सफलता के दाता।
- बालचंद्र – मनमोहक रूप, मस्तक पर चंद्रमा धारण करने वाले।
- गणपति – सभी गणों के स्वामी।
- मंगलमूर्ति – शुभता, समृद्धि, और शांति का प्रतीक।
- धूम्रकेतु – रौद्र और शक्ति के प्रतीक।
- शूपकर्ण – बड़े कानों वाले, सबकी बातें सुनने की शक्ति।
- विनायक – मार्गदर्शक, सभी कार्यों के आरंभकर्ता।
- महाबल – महान शक्ति और साहस का प्रतीक।
- गुणीन – सभी गुणों से परिपूर्ण।
- उमापुत्र – देवी पार्वती के प्रिय पुत्र।
- विघ्नराज – विघ्नों पर राज करने वाले।
- सुमुख – सुंदर मुख वाले।
- दयानिधि – दया और करुणा का सागर।
- महोदर – विशाल पेट वाले, उदारता के प्रतीक।
- गुणनायक – सद्गुणों के स्वामी।
- नादप्रिय – संगीत और कला प्रेमी।
- भालचंद्र – मस्तक पर चंद्रमा धारण करने वाले, शीतलता के प्रतीक।
- विघ्नराजेंद्र – विघ्नों के अधिपति।
- अक्षमालाधर – ध्यान और साधना का प्रतीक।
- हरिद्र – हल्दी से विभूषित, पवित्रता और शुभता के प्रतीक।
- सिद्धिप्रदायक – सिद्धियां देने वाले।
- गुणीश – समस्त गुणों के स्वामी।
- मूषकवाहन – मूषक पर सवार, विनम्रता के प्रतीक।
- वक्रतुंड महाकाय – विशाल और शक्तिशाली रूप।
- सिद्धिदाता – सिद्धियां और सफलताएं प्रदान करने वाले।
- भवात्मज – संसार को आशीर्वाद देने वाले।
- भूप – समस्त भूमंडल के रक्षक।
- बुद्धिविनायक – बुद्धि के स्वामी।
- विकट – विकराल और रौद्र रूप धारण करने वाले।
- अमित – असीमित शक्ति और गुण के प्रतीक।
- अलंपत – संपत्ति और ऐश्वर्य के स्वामी।
- अव्यक्त – रहस्यमय, जो सभी के लिए अदृश्य हैं।
- बलकारी – बल और पराक्रम के प्रतीक।
- बटुवेश – छोटे बालक का रूप धारण करने वाले।
- भूप – पृथ्वी का अधिपति।
- भवात्मज – संसार का कल्याण करने वाले।
- चामरकर – विशुद्धता और शीतलता के प्रतीक।
- चंद्रविनायक – चंद्र से सुशोभित, शांति का प्रतीक।
- देवंतक – दैत्यों का नाश करने वाले।
- देवव्रत – नियम और धर्म का पालन करने वाले।
- देवेश – सभी देवताओं के अधिपति।
- गजवक्र – हाथी जैसी सूंड वाले।
- गजवक्त्र – हाथी के मुख वाले।
- गणधिप – समस्त गणों के अधिपति।
- गणाध्यक्ष – गणों के प्रधान।
- गणेश – ज्ञान और बुद्धि के स्वामी।
- हरिद्र – हल्दी के समान तेजस्वी।
- हेरंब – संकटों को दूर करने वाले।
- ईशानपुत्र – ईश्वर के पुत्र।
- जगद्वंद्य – जगत में पूजनीय।
- जप्तव्य – जिनका जप किया जाता है।
- करिद्वंस – शत्रुओं का नाश करने वाले।
- कृपाकर – दया और करुणा के प्रतीक।
- लम्बकर्ण – विशाल कान वाले।
- लम्बशूर्प – लंबी शूरपी वाली।
- महायोग – महान योगी।
- महागणपति – महान गणपति।
- महाकाय – विशाल काया वाले।
- महेश्वर – महान ईश्वर।
- मनोहर – मनमोहक रूप वाले।
- मंगलमूर्ति – शुभ और मंगल रूप वाले।
- मायामूर्ति – मायावी रूप वाले।
- मुदाकर – आनन्द का स्रोत।
- नमस्तुभ्यं – जिन्हें नमन किया जाता है।
- नागराज्य – नागों के राजा।
- नंदक – आनंद प्रदान करने वाले।
- नित्यानंद – शाश्वत आनंद के स्रोत।
- नित्यशुद्ध – सदा शुद्ध।
- ओंकार – ओं का प्रतीक, सृष्टि के मूल।
- पाशकर – पाश का धारण करने वाले।
- प्रमोदविहीन – जिनसे प्रमाद दूर होता है।
- प्रधानपति – मुख्य देवता।
- पुरातन – अनादि और पुरातन।
- ऋद्धिदाता – समृद्धि प्रदान करने वाले।
- सप्तमूर्ति – सात रूपों वाले।
- सिद्धिविनायक – सफलता के दाता।
- शिवानंद – शिव के आनंदस्वरूप।
- शूर्पकर्ण – विशाल कान वाले।
- सुवर्ण – स्वर्ण के समान तेजस्वी।
- सुमुख – सुंदर मुख वाले।
- सूर्य – उर्जा और प्रकाश के प्रतीक।
- सिद्धप्रसाद – सिद्धियों का वरदान देने वाले।
- त्रिनेत्र – तीन नेत्र वाले।
- उदय – उन्नति के प्रतीक।
- नम: गणपतये – समर्पण का प्रतीक।
- उमासुत – माता पार्वती के पुत्र।
- सिद्धिदाता – सिद्धियां प्रदान करने वाले।
- मंगल – मंगलमय रूप।
- नादप्रिय – संगीत प्रेमी।
- सिद्धप्रदायक – सिद्धियां देने वाले।
- सिद्धिविनायक – सिद्धियों के स्वामी।
- विघ्नराजेंद्र – विघ्नों के अधिपति।
- वक्रतुंड – टेढ़ा मुख।
- लंबोदर – बड़े पेट वाले।
- सिद्धिविनायक – सफलता और सिद्धियों के दाता।
- धूम्रकेतु – धुएं के समान केतु।
- अक्षमालाधर – माला धारण करने वाले।
- विनायक – अग्रणी।
- विघ्नहर्ता – विघ्नों का नाशक।
- गजानन – गज मुख वाले।
- महाबल – महान बलशाली।
- विघ्नराज – विघ्नों के स्वामी।
- नमो गणपतये – सभी को अभय देने वाले।
इन नामों का जप करने से सभी प्रकार की बाधाएं दूर होती हैं, भक्तों को सिद्धियों और सफलता का वरदान प्राप्त होता है। भगवान गणेश अपने भक्तों के कल्याण और उन्नति में सहायक होते हैं।