लखनऊ। मदेयगंज में बीते 30 दिसंबर को ऑटो ड्राइवर मोहम्मद रिजवान की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने 13 दिन बाद रविवार को इस ब्लाइंड मर्डर का खुलासा किया। हत्या करने वाले दो शूटरों और तीसरे साजिशकर्ता को गिरफ्तार किया गया है। पूरी घटना प्रेम प्रसंग के कारण हुई।
लखनऊ स्थित भीकमपुर का रहने वाला मोहम्मद रिजवान पुत्र रफीक अहमद ऑटो चालक था। आरोपी गर्लफ्रेंड के पिता को मारने आए लेकिन उन्होंने ऑटो ड्राइवर की हत्या कर दी। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों के सुपुर्द कर दिया था।
कई दिन बाद भी आरोपी पुलिस की पकड़ से बाहर थे और उसकी सबसे बड़ी वजह थी कि रिजवान की किसी से कोई दुश्मनी नहीं थी। हत्या किसने और क्यों की, पुलिस इसको लेकर लगातार जांच कर रही थी? मामले के खुलासे के लिए पुलिस ने लोकल इंटेलिजेंस सर्विलांस की मदद ली। इसके साथ ही 200 सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली गईं। मामले में पुलिस ने लालकोठी तेजीखेड़ा निवासी 37 वर्षीय आफताब अहमद पुत्र अब्दुल सत्तार, लाल कुआं भेड़ीमंडी मजार वाली गली निवासी 35 वर्षीय हुसैनगंज यासिर पुत्र शहाबुद्दीन और भवानीगढ़ शिवगढ़ जनपद रायबरेली निवासी 36 वर्षीय कृष्णकांत उर्फ साजन पुत्र राम बहादुर सिंह को गिरफ्तार किया है।
दिल्ली में हुई थी प्रेमिका की शादी
आरोपियों से पूछताछ में पता चला कि हत्या की साजिश पेशे से एडवोकेट अफताब अहमद ने रची थी। उसका अपनी पूर्व जूनियर एडवोकेट के साथ प्रेम संबंध था। बाद में उसकी प्रेमिका की शादी दिल्ली में हो गई थी। इसी वजह से आफताब उससे नहीं मिल पाता था। प्रेमिका के पिता लखनऊ के मक्कांगज में अकेले रहते हैं। आफताब ने सोचा कि पिता की हत्या करवा देगा तो उसकी प्रेमिका दिल्ली से लौटकर अपने घर लखनऊ आ जाएगी और उसका अफेयर दोबारा शुरू हो जाएगा। आफताब ने प्रेमिका के पिता इरफान अली की हत्या करने की योजना बनाई थी।

साजिश में आफताब ने मोहम्मद यासिर और कृष्णकांत उर्फ साजन को भी शामिल कर लिया। आफताब ने यासिर को दो लाख और हथियार देने बात कहकर हत्या के लिए राजी किया था। यासिर ने कृष्णकांत को वारदात में साथ लिया और दोनों ने 29 दिसंबर 2024 को हत्या की योजना को अंजाम देने से पहले इरफान अली के घर की रेकी की। इसके बाद 30 दिसंबर की रात को हत्यारों ने इरफान अली समझकर ऑटो ड्राइवर मोहम्मद रिजवान की गोली मारकर हत्या कर दी।
पैसे को लेकर आपस में हुआ विवाद
धोखे से रिजवान की हत्या करने के बाद आरोपियों ने आफताब अहमद से पैसे मांगे तो उसने काम न होने के कारण इनकार कर दिया। इसके चलते सुपारी देने वाले और हत्यारों में विवाद हो गया। हालांकि पुलिस ने इस मामले की जांच की और सर्विलांस की मदद से शूटरों तक पहुंच गई। इसके बाद उनकी निशानदेही पर आफताब को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। डीसीपी सेंट्रल रवीना त्यागी ने बताया कि मुख्य आरोपी आफताब की प्रेमिका की वारदात में क्या भूमिका रही, पुलिस इसकी भी जांच कर रही है?