सिद्धिविनायक मंदिर के लड्डू प्रसाद के पैकेट में चूहे मिलने के वीडियो पर मंदिर ट्रस्ट ने बयान जारी किया है। मंदिर ट्रस्ट ने कहा है कि वायरल वीडियो हमारे मंदिर का नहीं है। इस पूरे मामले की शिकायत पुलिस से की जा रही है। पुलिस भी मामले की जांच करेगी और मंदिर ट्रस्ट भी पूरे मामले की जांच करेगा। ट्रस्ट ने कहा कि हमारे मंदिर में ऐसा नहीं हो सकता है। प्रसाद काफी शुद्धता से बनाया जाता है।
बता दें कि तिरुपति मंदिर के लड्डुओं में कथित तौर पर पशु चर्बी पाए जाने और मछली के तेल के इस्तेमाल को लेकर पूरे देश में हंगामा मचा है। देश भर के मंदिरों में प्रसाद की जांच चल रही है या जांच की मांग की जा रही है। तिरुपति के मामले में केंद्र सरकार ने भी हस्तक्षेप किया है। आंध्र प्रदेश की सरकार ने मामले की जांच के लिए एक टीम बनाई है।
बता दें कि 18 सितंबर को आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने दावा किया था कि पिछली जगनमोहन रेड्डी की सरकार के दौरान तिरुपति के प्रसाद में पशुओं की चर्बी का इस्तेमाल हो रहा था। जवाब में वाईएसआर ने कहा था कि चंद्रबाबू नायडू राजनीतिक लाभ के लिए करोड़ों हिंदुओं की आस्था को ठेस पहुंचा कर पाप कर रहे हैं।
तिरुपति के लड्डू प्रसाद को श्रीवारी लड्डू के तौर भी जाना जाता है। पिछले तीन सौ साल से तिरुपति मंदिर में श्रद्धालुओं को यह प्रसाद बांटा जा रहा है।
दरअसल सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसे सिद्धिविनायक मंदिर का बताया जा रहा था। वीडियो में दिखता है कि प्रसाद के पैकेट पर चूहों के बच्चे हैं। इसके बाद ये सवाल उठने लगे हैं कि प्रसाद बनाकर साफ सुथरे स्थल पर नहीं रखे जा रहे हैं। श्रदालुओं ने प्रसाद की गुणवत्ता पर सवाल खड़े दिए। लिहाजा मंदिर प्रशासन को बयान जारी करना पड़ा।
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