नई दिल्ली: यदि आपकी इनकम भी टैक्स भरने लायक है, मगर आप भरते नहीं हैं तो अब सावधान हो जाने की जरूरत है. अब तक आपका ‘काम चल गया’ होगा, लेकिन अब और नहीं चलेगा। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने पिछले 20 महीनों में ऐसे लोगों से ₹37,000 करोड़ वसूले हैं, जो टैक्सेबल इनकम होने के बावजूद रिटर्न दाखिल नहीं कर रहे थे। अधिकारियों ने बताया कि हाई-वैल्यू ट्रांजैक्शंस के एनालिसिस के बाद ऐसे लोगों की पहचान की। यह खर्च नकद में किया गया था। इन लोगों ने 2019-20 के दौरान रत्न और आभूषणों की खरीद, प्रॉपर्टी और लग्जरी होलिडेज पर जमकर खर्च किया था। एक वरिष्ठ अधिकारी ने ईटी को बताया कि ये ऐसे मामले हैं, जहां लोग बड़ी खरीदारी करने के बावजूद टैक्स रिटर्न दाखिल नहीं कर रहे थे।
विभाग ने पिछले 20 महीनों में उनसे संपर्क किया था।अधिकारी ने कहा कि व्यापक और अधिक सख्त टैक्स कलेक्शन और स्रोत पर कटौती (TDS) व्यवस्था ने हाई वैल्यू ट्रांजैक्शन को ट्रैक करने में मदद की है। ये ऐसे ट्रांजैक्शन थे जो किसी तरह टैक्स अधिकारियों की नजरों से छूट गए थे। कई ऐसे भी मामले भी हैं जिनमें लोगों ने जमकर खर्च किया और टैक्स देनदारी के बावजूद जीरो इनकम घोषित करते हुए रिटर्न दाखिल किया। अधिकारी ने कहा कि ₹37,000 करोड़ में से हाई वैल्यू ट्रांजैक्शन करने वाले लोगों से ₹1,320 करोड़ की वसूली की गई। विभाग उन टैक्सपेयर्स से संपर्क साध रहा है जिनका खर्च पैटर्न और आईटी रिटर्न में गड़बड़ी है।
कैसे पकड़ी गई चोरी
इनकम टैक्स विभाग टैक्स चोरी का पता लगाने के लिए डेटा और एनालिटिक्स का उपयोग कर रहा है और ऐसे व्यक्तियों की पहचान करने के लिए वित्त वर्ष 2021 से गैर-फाइलर मॉनीटरिंग सिस्टम को तैनात किया गया है। अधिकारी ने कहा कि कई स्रोतों से प्राप्त डेटा टैप और सिंक्रोनाइज किया जा रहा है।
इससे विभाग के लिए टैक्स चोरी की पहचान करना और ऐसे लोगों को पकड़ना आसान हो जाता है। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल-नवंबर में प्रत्यक्ष कर संग्रह 15.4% बढ़कर ₹12.10 लाख करोड़ हो गया। इसमें ₹5.10 लाख करोड़ का कॉर्पोरेट कर और ₹6.61 लाख करोड़ का गैर-कॉर्पोरेट कर शामिल है।