जयपुर: प्रदेश की भजनलाल सरकार ने सरपंचों के कार्यकाल को लेकर बड़ा फैसला लिया है। एमपी मॉडल के तहत सरपंचों का कार्यकाल बढ़ेगा, जिसे लेकर सरकार ने आदेश जारी किए हैं। अब ‘वन स्टेट, वन इलेक्शन’ का मार्ग प्रशस्त हुआ है। सरपंचों को दिए गए अधिकार और कार्यकाल के तोहफे पर प्रदेश भर के सरपंचों में खुशी की लहर छा गई है। इसके लिए सभी सरपंचों ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, पंचायत राज मंत्री मदन दिलावर, ग्रामीण विकास मंत्री करोड़ी लाल मीणा सहित सभी मंत्रियों और विधायकों का धन्यवाद किया है।
राजस्थान के 6,759 सरपंचों का कार्यकाल पूरा हो जाएगा। बाकी ग्राम पंचायतों का कार्यकाल सितंबर 2025 में पूरा होगा। पुनर्गठन और पुनर्सीमांकन के कारण इन ग्राम पंचायतों के चुनाव नहीं हो पाएंगे। सभी के चुनाव एक साथ कराए जाएंगे। इन ग्राम पंचायतों की जिम्मेदारी प्रशासक की होगी या कोई अन्य विकल्प होगा, इस पर सरकार ने अभी तक निर्णय नहीं लिया है।
210 पंचायत समितियों का भी कार्यकाल पूरा होगा
17 जनवरी को 2,726, 22 जनवरी को 2,333 और 29 जनवरी को 1,700 ग्राम पंचायतों के सरपंचों का कार्यकाल पूरा हो रहा है। इसके अलावा मार्च 2025 में 704 और सितंबर 2025 में 3,847 ग्राम पंचायतों का कार्यकाल पूरा होगा। इस महीने 210 पंचायत समितियों का भी कार्यकाल पूरा हो जाएगा।
सरकार ने अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया
राजस्थान सरपंच संघ के प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर ने मीडिया को बताया कि सरकार को एमपी, उत्तराखंड और झारखंड राज्यों की ओर से अपनाए गए विकल्प दे रखे हैं। सरकार ने अभी कोई निर्णय नहीं लिया है। मध्य प्रदेश में ग्राम पंचायतों में समिति बनाकर उसका अध्यक्ष सरपंच को बनाया गया था।

झारखंड में विधेयक लाकर कार्यकाल बढ़ाया गया था और उत्तराखंड में सरपंचों को प्रशासक बनाया गया था। इन तीनों में से एक विकल्प पर निर्णय होना तय है। पंचायतीराज मंत्री मदन दिलावर ने पहले ही कहा है कि मुख्यमंत्री के स्तर पर इस बारे में निर्णय लिया जाएगा।