कांग्रेस का राज्यव्यापी विरोध का ऐलान
जयपुर: राजस्थान विश्वविद्यालय परिसर में उस समय हड़कंप मच गया जब कांग्रेस विधायक अभिमन्यु पूनिया और छात्र संघ अध्यक्ष निर्मल चौधरी को शनिवार को पुलिस ने परीक्षा केंद्र से हिरासत में ले लिया। विधायक पूनिया विश्वविद्यालय में स्नातकोत्तर की परीक्षा दे रहे थे, तभी पुलिस ने कार्रवाई की। विधायक के आधिकारिक एक्स अकाउंट से एक वीडियो साझा कर इस घटना की पुष्टि की गई है। पूनिया ने लिखा कि उन्हें और निर्मल को हिरासत में लेना भाजपा शासन की कायरता है, लेकिन वे अन्याय के खिलाफ लड़ाई जारी रखेंगे।
परीक्षा केंद्र से उठाया गया विधायक
जयपुर: राजस्थान विश्वविद्यालय में स्नातकोत्तर परीक्षाएं चल रही थीं और अभिमन्यु पूनिया परीक्षा हॉल में पेपर दे रहे थे। इसी दौरान पुलिस टीम परिसर में दाखिल हुई और कथित रूप से उन्हें परीक्षा हॉल से बाहर निकाला गया। बाद में उन्हें और छात्र नेता निर्मल चौधरी को हिरासत में लेकर स्थानीय थाने ले जाया गया। दोनों की गिरफ्तारी से परिसर में हड़कंप मच गया और कांग्रेस नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया दी।
गहलोत-पायलट-डोटासरा का तीखा हमला
जयपुर: पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि यूथ कांग्रेस अध्यक्ष एवं विधायक पूनिया को परीक्षा के दौरान हिरासत में लेना लोकतंत्र का अपमान है। उन्होंने भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि जनप्रतिनिधियों को जनहित में आवाज उठाने का हक है। वहीं, सचिन पायलट ने घटना को अलोकतांत्रिक बताते हुए कहा कि भाजपा युवाओं और छात्रों की आवाज दबाना चाहती है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने भी इस घटना की निंदा करते हुए वीडियो शेयर किया और कहा कि यह शर्मनाक और अस्वीकार्य है।
कांग्रेस का राज्यव्यापी विरोध का ऐलान
जयपुर: डोटासरा ने भाजपा सरकार पर लोकतांत्रिक आवाजों को कुचलने का आरोप लगाते हुए चेतावनी दी कि यदि गिरफ्तार नेताओं को तुरंत रिहा नहीं किया गया, तो कांग्रेस सड़कों पर उतरकर विरोध करेगी। उन्होंने कहा कि यह कार्रवाई सत्तावादी मानसिकता की परिचायक है। राजनीतिक गलियारों में इस घटना को लेकर तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं, लेकिन पुलिस की ओर से अब तक हिरासत की ठोस वजह स्पष्ट नहीं की गई है।
पुलिस का पक्ष: पुराना मुकदमा बना कारण
जयपुर: डीसीपी ईस्ट तेजस्विनी गौतम ने बताया कि हिरासत की यह कार्रवाई 2022 में दर्ज एक मामले के संबंध में हुई। उस समय निर्मल चौधरी और उनके साथियों पर पुलिस के साथ दुर्व्यवहार, राजकार्य में बाधा और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का आरोप था। इस मामले में प्रमाणित आरोपों के आधार पर गिरफ्तारी की गई। तेजस्विनी गौतम ने यह भी स्पष्ट किया कि निर्मल चौधरी ने परीक्षा दे दी थी और परीक्षा केंद्र से बाहर निकलने के बाद ही उसे गिरफ्तार किया गया।