Mobilenews / चित्तौड़गढ़: चित्तौड़गढ़ जिले के गंगरार ब्लॉक के आजोलिया का खेड़ा स्थित राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय, सालेरा से शिक्षा को शर्मसार करने वाला एक गंभीर मामला सामने आया है। विद्यालय के संस्था प्रधान अरविंद व्यास, जो राजस्थान राज्य कर्मचारी महासंघ भामस के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं, और एक महिला टीचर की अश्लील हरकतें सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गईं। इसके बाद यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया।
सीसीटीवी कैमरे ने खोली पोल
विद्यालय के अन्य शिक्षकों ने बताया कि महिला टीचर नियमित रूप से प्रिंसिपल के कमरे में जाती थी और वहां कंप्यूटर पर काम करने का बहाना करती थी। लेकिन दोनों घंटों तक कमरे में अकेले रहते थे। इस संदिग्ध व्यवहार के कारण अन्य शिक्षकों ने गुपचुप तरीके से प्रिंसिपल के कमरे में सीसीटीवी कैमरे लगवा दिए। कैमरे में कैद हुई अश्लील हरकतों ने पूरे मामले को उजागर कर दिया।
ग्रामीणों का गुस्सा और निलंबन की मांग
वीडियो सामने आने के बाद ग्रामीणों में आक्रोश फैल गया। उन्होंने दोनों शिक्षकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की और ज्ञापन सौंपा। ग्रामीणों ने इस शर्मनाक घटना के अलावा यह भी आरोप लगाया कि स्कूल में बच्चों से झाड़ू-पोछा जैसे काम करवाए जाते थे।
शिक्षा विभाग की कार्रवाई
वीडियो वायरल होने के बाद जिला शिक्षा अधिकारी राजेंद्र कुमार शर्मा ने तुरंत प्रभाव से संस्था प्रधान अरविंद व्यास और महिला टीचर को सस्पेंड कर दिया। निलंबन अवधि के दौरान अरविंद व्यास का मुख्यालय राशमी और महिला टीचर का मुख्यालय बेगूं रहेगा। इसके अलावा, इस मामले की जांच के लिए तीन राजपत्रित अधिकारियों की कमेटी भी गठित की गई है।
शिक्षा व्यवस्था पर सवाल
यह घटना शिक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करती है। विद्यालय, जो बच्चों के भविष्य को संवारने के लिए होता है, वहां ऐसी घटनाएं न केवल शिक्षा की गरिमा को चोट पहुंचाती हैं, बल्कि समाज में गलत संदेश भी देती हैं। ग्रामीणों ने मांग की है कि दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।
ग्रामीणों का आह्वान
ग्रामीणों ने प्रशासन से अपील की है कि स्कूल में सीसीटीवी कैमरे अनिवार्य रूप से लगाए जाएं और बच्चों के साथ किसी भी प्रकार की लापरवाही पर कड़ी नजर रखी जाए।