लखनऊ। महाकुंभ इन दिनों सनातन को मानने वालों के लिए आस्था का केंद्र बिंदु बन चुका है। इस महाकुंभ में स्नान करने के लिए देश ही नहीं, विदेशों से भी लोग लगातार पहुंच रहे हैं। वहीं, कुछ ऐसे भी लोग हैं जो सनातन की इस आस्था पर बयान देकर सुर्खियां बटोरने में लगे हुए हैं। एक दिन पहले संत रविदास जयंती पर गाजीपुर के सांसद अफजाल अंसारी ने विवादित बयान दिया।
क्या कहा अफजाल अंसारी ने?
माघी पूर्णिमा पर आयोजित महाकुंभ स्नान की भीड़ को देखते हुए महरूम मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल अंसारी ने कहा- संगम तट पर नहा कर व्यक्ति का पाप धुल जाएगा। इसका मतलब कि आगे बैकुंठ में जाने का रास्ता खुल जाएगा। भीड़ देखने से ऐसा लग रहा है कि अब नर्क में कोई नहीं बचेगा और स्वर्ग में हाउसफुल हो जाएगा।
संत रविदास जयंती के कार्यक्रम में दिया बयान
एक दिन पूर्व माघी पूर्णिमा और संत रविदास की जयंती पूरे देश में धूमधाम से मनाई गई। इसी माघी पूर्णिमा के अवसर पर सनातन धर्म से जुड़े लोगों ने महाकुंभ में जाकर करोड़ों लोगों ने स्नान किया। वहीं, पूरे देश में रविदास जयंती की भी धूम देखने को मिली। इसी रविदास जयंती के कार्यक्रम में गाजीपुर के सांसद अफजाल अंसारी शादियाबाद में आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। यहां उन्होंने महाकुंभ में स्नान करने वालों को लेकर अजीबोगरीब बयान दे डाला। इस कार्यक्रम में सुरक्षित जखनिया विधानसभा के विधायक बेदी राम भी विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुए थे।
बयान पर बढ़ा विवाद
सांसद अफजाल अंसारी मंच से बोले- मान्यता है कि संगम तट पर नहाकर व्यक्ति का पाप धुल जाएगा। पाप धुल जाएगा इसका मतलब आगे बैकुंठ में जाने का रास्ता खुल जाएगा। ऐसे में जो भीड़ देखने को मिल रही उससे लगता है कि अब नर्क में कोई बचेगा ही नहीं और उधर हाउसफुल हो जाएगा। उन्होंने ट्रेनों से यात्रा करने वालों की भारी भीड़ पर कहा- आलम ये है कि लोग ट्रेनों के शीशे तक तोड़ रहे हैं। इससे ट्रेन में बैठी औरतें कांप रही हैं, वो बच्चों को गोद में छुपाकर बिलख रही हैं। मैंने यह सब अपनी आंखों से देखा है।
अफजाल बोले- ट्रेनों में तोड़फोड़ करने वालों की उम्र 15 से 20 साल की है, जिन्हें मैंने देखा। इतनी भीड़ है कि ट्रेनों में यात्रा करना भी असुरक्षित सा लग रहा है इन दिनों। वहां भी भगदड़ जैसा ही हाल देखने को मिल रहा है। महाकुंभ में जो भगदड़ मची उसमें भी न जाने कितने लोगों की मौत हुई। आज तक मौत का सही आंकड़ा सामने नहीं आया है। जो लोग भी वहां से आ रहे हैं, मौत का मंजर बयां कर रहे हैं।