राजस्थान के बेगूं कस्बे में वर्ष 2009 के धार्मिक जुलूस के दौरान देश विरोधी और भड़काऊ नारे लगाने के मामले में छह अभियुक्तों को दोषी करार दिया गया है। अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट बेगूं के पीठासीन अधिकारी डॉ. पियुष जैलिया ने इन अभियुक्तों को पांच वर्ष के साधारण कारावास की सजा सुनाई है।
लोक अभियोजक सुनीता चावला ने बताया कि 2009 में बेगूं में एक धार्मिक जुलूस निकाला गया था, जिसमें देश विरोधी नारे लगाए गए थे। इस मामले में अदालत ने बबलू सोयब उर्फ असलम, हैदर, शौकत, आबिद हुसैन, आरीफ अंसारी और मोईनुद्दीन उर्फ मोहम्मद्दीन को दोषी पाया। इन अभियुक्तों पर धारा 153 क एवं ख, 295 क भारतीय दंड संहिता के तहत सामाजिक सौहार्द को बिगाड़ने का आरोप सिद्ध हुआ।
सजा के बाद, सहायक अभियोजन अधिकारी सुनीता चावला ने कहा कि इस निर्णय से समाज में साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वाले तत्वों में कानून का भय पैदा होगा। यह फैसला न केवल समाज के असामाजिक तत्वों पर लगाम लगाएगा, बल्कि आम जनता में भी एक सही संदेश भेजेगा कि ऐसे कृत्यों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
इस फैसले से समाज में कानून और न्याय की ताकत को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है।