-2 C
Innichen
Friday, December 13, 2024

5 वर्षीय बच्ची के पेट से निकाला बालों का गुच्छा:खुद के बाल खा रही थी, पेट दर्द और भूख नहीं लगने पर अस्पताल लाए थे परिजन

डूंगरपुर : ट्राइको बेजार बीमारी से पीड़ित एक बच्ची खुद के बाल खा रही थी। इससे पेट में बालों का गुच्छा बन गया। बार-बार पेट दर्द और भूख नहीं लगने की शिकायत पर परिजन उसे डूंगरपुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल लाए, जहां बुधवार को 9 डॉक्टरों की टीम ने 40 मिनट तक ऑपरेशन कर 5 साल की बच्ची के पेट से 350 से 400 ग्राम बालों का गुच्छा निकालकर उसकी जान बचाई।

मेडिकल कॉलेज अस्पताल के अधीक्षक डॉ. महेंद्र डामोर ने बताया- 16 अप्रैल की रात के समय खडगदा गांव की एक 5 साल की बच्ची को लेकर उसके माता-पिता अस्पताल पहुंचे। वरिष्ठ सर्जन डॉ. सुषमा यादव ने बच्ची की जांच की। माता-पिता ने बताया- बच्ची को भूख नहीं लगती है। पेट में सूजन है और खाने-पीने में तकलीफ होती है। डॉक्टर ने बच्ची के जांच करवाई, जिसमें बच्ची के पेट में बालों का गुच्छा होने का पता लगा। इस पर बच्ची को भर्ती कर इलाज शुरू कर दिया। वहीं, बच्ची 5 साल की होने से उसकी तबीयत ठीक होने के बाद ऑपरेशन करना तय किया।

पेट से लेकर आंतों तक फैला था बालों का गुच्छा
डॉ. महेंद्र डामोर, डॉ. सुषमा, डॉ. अर्जुन खराड़ी, डॉ. रजत यादव, डॉ. सुहानी गड़िया, डॉ. विनिता गोदा, डॉ. अमित जैन, डॉ. कुश, डॉ. कमला के साथ पुष्पा कटारा, जावेद, माया की टीम बुधवार को ऑपरेशन में जुट गई। पेट में चीरा लगाकर करीब 350 से 400 ग्राम बालों का गुच्छा निकाला। बालों का ये गुच्छा पेट से लेकर आंतों तक फैला था। खाने की बजाय पेट में बाल थे। इससे बच्ची को खाने-पीने से लेकर कई तकलीफ हो रही थी। 40 मिनट तक ऑपरेशन चला।

ट्राइको बेजार बीमारी के कारण खा रही थी खुद के बाल
डॉ. सुषमा ने बताया- बाल खाने की आदत खासकर यूथ महिलाओं में होती है। छोटे बच्चों में ये आदत बहुत कम होती है। इसे ट्राइकोबेजार बीमारी कहते हैं, जिससे खुद के बाल खाते हैं। इसके बाद पेट में ये बाल गुच्छे की तरह जमा हो जाते हैं। इससे खाने-पीने की क्षमता खत्म हो जाती है। ऑपरेशन के बाद बच्ची की तबीयत अब ठीक बताई जा रही है।

अस्पताल में पहले भी आया था ऐसा मामला
मेडिकल कॉलेज अस्पताल के अधीक्षक डॉ. महेंद्र डामोर ने बताया- साल 2019 में एक महिला के पेट से इसी तरह का बालों का गुच्छा निकाला था। महिला को भी बाल खाने की आदत थी। डॉ. महेंद्र डामोर ने बताया की बाल खाने की आदत से बच्चों में शारीरिक विकास रुक जाता है। भूख नहीं लगती है, जिससे ग्रोथ नहीं होती है। कई बार बाल पेट और आंतों तक भर जाने से मुश्किलें बढ़ जाती हैं। ज्यादा समय तक यही स्थिति रहने पर जान का खतरा हो सकता है।

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

0FansLike
0FollowersFollow
0SubscribersSubscribe
- Advertisement -spot_img

Latest Articles