पाली: एक दूसरे की देखा देखी शादियों में प्री वेडिंग शूटिंग का खर्चा जिस कदर बढ़ रहा है, उसकाे राेकने के लिए सीरवी समाज परगना समिति ने उस पर राेक ही लगा दी है। पदाधिकारियाें का कहना है कि प्री वेडिंग हमारी संस्कृति के भी खिलाफ है। समिति के दायरे में जाे-जाे गांव आते हैं। उसमें रहने वाले समाज के लाेग अपने बच्चाें की शादी में प्री वेडिंग शूटिंग नहीं करवा सकेंगे।

इसके साथ ही शादी से पहले लड़का व लड़की काे बाहर घूमने जाने पर भी पाबंदी लगा दी गई है। ये निर्णय साेनाई मांझी में कूकाराम परिहार की अध्यक्षता में आयाेजित सीरवी समाज परगना समिति की सभा के दाैरान लिए गए। समिति के उपाध्यक्ष पूनाराम राठाैड़ ने बताया कि प्री वेडिंग शूटिंग में शादी का खर्चा ताे बढ़ता ही है। साथ ही में समाज की परंपरा के विरुद्ध भी है। पहले कुंवारे बच्चे एक-दूसरे की शक्ल तक नहीं देखते थे, लेकिन समय के दाैर के साथ समाज ने छूट दी ताे प्री वेडिंग का चलन बढ़ गया।
इसलिए इसकाे राेका गया है। मीडिया प्रभारी जगदीश भायल ने बताया कि बैठक में मोहनलाल सोलंकी, गंगाराम काग, मोहनलाल भायल, घीसाराम वरफा, महासचिव मानाराम काग आदि ने भी अपने विचार रखे।
शादी-विवाह के दौरान मानने होंगे ये नियम
सीरवी समाज परगना समिति पाली की सोनाई मांझी गांव में आयोजित बैठक में की गई है। इस बैठक में शादी-विवाह में होने वाले व्यर्थ खर्चों को भी कम करने के लिए बंदोली में डीजे और हल्दी की रस्म पर भी रोक लगाने के साथ ही दूल्हे को अब इन आयोजनों में क्लीन शेव आने का नियम बनाया गया है। सोनाई मांझी में सीरवी समाज परगना समिति की बैठक में मौजूद समाजबन्धुओं ने सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया है कि समिति के दायरे में जो गांव शामिल हैं, उन गांवों में रहने वाले समाज के लोग अपने बच्चों के विवाह में प्री वेडिंग शूटिंग नहीं करवाएंगे।
साथ ही शादी से पहले लड़का और लड़की को बाहर घूमने के लिए नहीं भेजेंगे। अध्यक्ष कूकाराम परिहार ने बताया कि हल्दी की रस्म में फूल, कपड़ाें, थीम के अनुरुप टेंट आदि का लाखाें रुपए व्यर्थ ही देखादेखी खर्च कर दिए जाते हैं, जिसकाे देखते हुए ये निर्णय लिया गया है। उन्हाेंने बताया कि ये सारे निर्णय गुरु पूर्णिमा से समाज में लागू हाेंगे।