सिरियारी गांव में आईमाता भैल रथ के आगमन पर पर समाज बंधुओ ने किया भव्य बधावा

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पाली : सोजत के निकटवर्ती ग्राम सिरियारी के पश्चिम में लगभग 3 किलोमीटर दूर सीरवी बाहुल्य गांव आया हुआ है सिंचाणा। दीपाराम काग ने बताया की इस गांव में लगभग 400 घर की बस्ती है जिनमें सीरवी समाज के लगभग 150 घर है सीरवी समाज के अलावा कुम्हार, देवासी, मेघवाल, मीणा, बावरी, राजपूत, राजपुरोहित और ढोली जाति के लोग बसते हैं। सीरवी समाज में मुख्यतः गहलोत, पंवार, देवड़ा, मुलेवा, काग, बरफा, राठौड़, चोयल और लचेटा गौत्र के घर है।

यहां की बडेर सन 1993 में बनाकर प्राण प्रतिष्ठा परम पूज्य माननीय दीवान साहब माधव सिंह जी के कर कमलों से संपन्न हुई थी। वर्तमान में दीपाराम जी देवड़ा कोटवाल एवं जेठाराम गहलोत जमादारी और साल भर से मोहनलाल बरफा बडेर के पुजारी है।इस गांव के चारों ओर सिरियारी, वौपारी,ठाकरवास, मलसाबावड़ी, गुड़ा मेहकरण, राणावास और गुड़ा सूरसिंह आये हुए हैं जो अच्छी खेती के लिए प्रसिद्ध है यह गांव गुड़ासूर सिंह पंचायत में आता है जिसमें सिचाणा के साथ गुड़ा मेहकरण, बाणियामाली और जोड आसण गांव आते हैं।

यहां के सीरवी बंधु चेन्नई, बैंगलोर, हैदराबाद, मुंबई, पुणे, सूरत, अंकलेश्वर तथा राणावास में व्यापार व्यवसाय में लगे हुए हैं। धर्म सभा कार्यक्रम में दीपाराम काग व महेंद्र महाराज मध्यप्रदेश ने आई माताजी के इतिहास के बारे मे जानकारी दी।इस अवसर पर बाबा मंडली के खेता महाराज, राजेन्द्र सिंह पवांर, कल्याण काग, शंकर हाम्बड़, गणेश पंवार सहित समाज के गणमान्य उपस्थित रहे

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