राष्ट्रपति के अभिभाषण में हुआ पेपर लीक का जिक्र दोषियों को कड़ी सजा होगी, विपक्षी दलों से की ये अपील

राष्ट्रपति के अभिभाषण में हुआ पेपर लीक का जिक्र दोषियों को कड़ी सजा होगी, विपक्षी दलों से की ये अपील

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बृहस्पतिवार को संविधान के प्रति सरकार की अटूट प्रतिबद्धता जताते हुए आपातकाल की निंदा की और इसे संविधान पर सीधे हमले का सबसे बड़ा और काला अध्याय बताया। उन्होंने परीक्षाओं के प्रश्नपत्र लीक होने की हालिया घटनाओं की जांच कराने और दोषियों को सजा दिलाने की सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा कि आगामी आम बजट में कई ऐतिहासिक कदम उठाये जाएंगे एवं प्रमुख आर्थिक निर्णय लिए जाएंगे।

अठारहवीं लोकसभा में पहली बार संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए मुर्मू ने कहा कि उनकी सरकार देश के युवाओं को बड़े सपने देखने और उन्हें साकार करने में सक्षम बनाने के लिए माहौल तैयार करने का काम कर रही है। जिस वक्त वह शिक्षा के मोर्चे पर सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का जिक्र कर रही थीं, उस वक्त विपक्ष के कुछ सदस्यों को राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) में कथित अनियमितताओं को लेकर नारे लगाते सुना गया। राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘अगर किसी कारण से परीक्षाओं में बाधा आती है तो यह उचित नहीं है। सरकारी भर्तियों और परीक्षाओं में शुचिता और पारदर्शिता बहुत जरूरी है।”

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राष्ट्रपति के अभिभाषण में हुआ पेपर लीक का जिक्र दोषियों को कड़ी सजा होगी, विपक्षी दलों से की ये अपील 3



उन्होंने कहा, ‘‘सरकार पेपर लीक होने की हालिया घटनाओं की निष्पक्ष जांच करने और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है।” राष्ट्रपति ने कहा कि पहले भी कुछ राज्यों में पेपर लीक की घटनाएं हुई हैं। उन्होंने इस संदर्भ में दलगत राजनीति से ऊपर उठकर राष्ट्रीय स्तर पर कड़े कदम उठाने की आवश्यकता भी जताई। राष्ट्रपति ने कहा कि संसद ने भी पेपर लीक की घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कानून बनाया है। उन्होंने कहा कि सरकार परीक्षा प्रक्रिया में सुधार लाने के लिए काम कर रही है। अभिभाषण के समय राष्ट्रपति के दाएं और बाएं ओर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ तथा लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला बैठे हुए थे।

लोगों ने हमेशा लोकतंत्र के प्रति विश्वास प्रकट किया

इस अवसर पर सदन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, उनकी मंत्रिपरिषद के सदस्य, पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा, कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी एवं राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, राज्यसभा के नेता सदन जे पी नड्डा तथा विभिन्न दलों के नेता एवं सदस्य मौजूद थे। देश में हाल में हुए आम चुनाव के दौरान कश्मीर में हुए मतदान में कई रिकॉर्ड टूटने की ओर ध्यान दिलाते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि इन चुनाव के माध्यम से घाटी ने देश के दुश्मनों को करारा जवाब दिया है। हाल में संपन्न लोकसभा चुनाव के सफल आयोजन के लिए निर्वाचन आयोग को बधाई देते हुए मुर्मू ने कहा कि भारत के लोगों ने हमेशा लोकतंत्र के प्रति अपना पूर्ण विश्वास प्रकट किया है, चुनाव से जुड़ी संस्थाओं पर पूरा भरोसा जताया है। उन्होंने कहा कि स्वस्थ लोकतंत्र को बनाए रखने के लिए ‘‘हमें इस विश्वास को सहेज कर रखना है, इसकी रक्षा करनी है।”

मुर्मू ने कहा, ‘‘हमारे लोकतंत्र की विश्वसनीयता को ठेस पहुंचाने की हर कोशिश की सामूहिक आलोचना होनी चाहिए।” उन्होंने कहा, ‘‘हम सभी को वो दौर याद है जब मतपत्रों को छीन लिया जाता था, लूट लिया जाता था। मतदान प्रक्रिया को सुरक्षित बनाने के लिए ईवीएम को अपनाने का फैसला किया गया था।” मुर्मू ने कहा कि पिछले कई दशकों में ईवीएम ने उच्चतम न्यायालय से लेकर जनता की अदालत तक हर कसौटी को पार किया है। उन्होंने कहा कि अगले संसद सत्र में सरकार द्वारा पेश किया जाने वाला बजट भविष्योन्मुखी दृष्टिकोण के साथ प्रस्तुत किया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘बजट में प्रमुख आर्थिक एवं सामाजिक निर्णय लिए जाएंगे और कई ऐतिहासिक कदम उठाए जाएंगे। लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए सुधारों की गति बढ़ायी जाएगी।”

राष्ट्रपति के अनुसार सरकार का मानना है कि निवेश के लिए राज्यों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रतिस्पर्धी सहकारी संघवाद की भावना होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है, पिछले दस साल में आठ प्रतिशत की दर से औसत विकास हुआ है जबकि यह कोई सामान्य काल नहीं था। उन्होंने कहा, ‘‘यह विकास दर विश्व के विभिन्न हिस्सों में वैश्विक महामारी और संघर्ष के बीच हासिल की गयी है। यह पिछले दस वर्ष में सुधारों का परिणाम है। अकेले भारत ने वैश्विक विकास में 15 प्रतिशत का योगदान दिया है। मेरी सरकार भारत को विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने के लिए काम कर रही है।”

संविधान पर कई बार हुए हमले

उन्होंने देश में 1975 में लागू आपातकाल को ‘संविधान पर सीधे हमले का सबसे बड़ा और काला अध्याय’ बताते हुए कहा कि ऐसे अनेक हमलों के बावजूद देश ने असंवैधानिक ताकतों पर विजय प्राप्त करके दिखाई। उन्होंने कहा कि भारत का संविधान, बीते दशकों में हर चुनौती, हर कसौटी पर खरा उतरा है और जब संविधान बन रहा था, तब भी दुनिया में ऐसी ताकतें थीं, जो भारत के असफल होने की कामना कर रही थीं। राष्ट्रपति ने अपने 55 मिनट के अभिभाषण में कहा कि देश में संविधान लागू होने के बाद भी संविधान पर अनेक बार हमले हुए।

उन्होंने कहा, ‘‘मेरी सरकार भी भारत के संविधान को सिर्फ राजकाज का माध्यम भर नहीं मानती, बल्कि हमारा संविधान जन-चेतना का हिस्सा हो, इसके लिए हम प्रयास कर रहे हैं। इसी ध्येय के साथ मेरी सरकार ने 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाना शुरू किया है।” राष्ट्रपति ने कहा कि अब जम्मू-कश्मीर में भी संविधान पूरी तरह लागू हो गया है, जहां (पहले) अनुच्छेद 370 की वजह से स्थितियां कुछ और थीं। राष्ट्रपति ने सदस्यों को आगाह करते हुए कहा कि आज की संचार क्रांति के युग में विघटनकारी ताकतें, लोकतंत्र को कमजोर करने और समाज में दरार डालने की साजिश रच रही हैं। मुर्मू ने कहा कि ये ताकतें देश के भीतर भी हैं और देश के बाहर से भी संचालित हो रही हैं। उन्होंने कहा कि इनके द्वारा अफवाह फैलाने का, जनता को भ्रम में डालने का, गलत सूचनाओं का सहारा लिया जा रहा है।


राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘इस स्थिति को ऐसे ही बेरोक-टोक नहीं चलने दिया जा सकता। आज के समय में प्रौद्योगिकी हर दिन और उन्नत हो रही है। ऐसे में मानवता के विरुद्ध इनका गलत उपयोग बहुत घातक है। भारत ने विश्व मंच पर भी इन चिंताओं को प्रकट किया है और एक वैश्विक रूपरेखा की वकालत की है। हम सभी का दायित्व है कि इस प्रवृत्ति को रोकें, इस चुनौती से निपटने के लिए नए रास्ते खोजें।” सशक्त भारत के लिए सैन्यबलों में आधुनिकता एवं आत्मनिर्भरता की जरूरत पर बल देते हुए राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि देश का रक्षा निर्यात 18 गुना अधिक हुआ है तथा फिलीपीन के साथ ब्रह्मोस मिसाइल का रक्षा सौदा, रक्षा निर्यात के क्षेत्र में भारत की पहचान मज़बूत कर रहा है। उन्होंने कहा कि सशक्त भारत के लिए ‘‘हमारे सैन्यबलों में आधुनिकता जरूरी है। युद्ध की स्थिति में हम सर्वश्रेष्ठ रहें, इसके लिए सेनाओं में सुधार की प्रक्रिया निरंतर जारी रहनी चाहिए।”

पेपर लीक पर राष्ट्रपति की विपक्षी दलों से अपील

राष्ट्रपति ने पेपर लीक का जिक्र करते हुए अपने अभिभाषण में विपक्षी दलों से इस मामले में राजनीति से ऊपर उठकर ठोस उपाय करने की बात कही है। उन्होंने कहा, ‘इससे पहले भी हमने देखा है कि कई राज्यों में पेपर लीक की घटनाएं होती रही हैं। इसमें दलीय राजनीति से ऊपर उठकर देशव्यापी ठोस उपाय करने की जरूरत है। संसद ने भी परीक्षा में होने वाली गड़बड़ियों के विरुध एक सख्त कानून बनाया है। मेरी सरकार परीक्षा से जुड़ी संस्थाओं, उनके कामकाज के तरीके और परीक्षा प्रक्रिया सभी में बड़े सुधार के लिए काम कर रही है।

सेनाओं में सुधार की प्रक्रिया निरंतर चलती रहनी चाहिए’

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा, “एक सशक्त भारत के लिए हमारी सेनाओं में आधुनिकता जरूरी है। युद्ध की स्थिति में हम सर्वश्रेष्ठ बनें-इसके लिए सेनाओं में सुधार की प्रक्रिया निरंतर चलती रहनी चाहिए। इसी सोच के साथ मेरी सरकार ने पिछले 10 वर्षों में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। पिछले एक दशक में हमारा रक्षा निर्यात 18 गुना बढ़कर 21,000 करोड़ रुपए तक पहुंच चुका है।

राष्ट्रपति ने CAA का जिक्र किया

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि जिन परिवारों को CAA के तहत नागरिकता मिली है, मैं उनके बेहतर भविष्य की कामना करती हूं। मेरी सरकार ने CAA कानून के तहत शरणार्थियों को नागरिकता देना शुरू कर दिया है। इससे बंटवारे से पीड़ित अनेक परिवारों के लिए सम्मान का जीवन जीना तय हुआ है।

विभाजनकारी ताकतें लोकतंत्र को कमजोर करने की साजिश रच रही’

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद में कहा कि विभाजनकारी ताकतें लोकतंत्र को कमजोर करने, देश के भीतर और बाहर से समाज में खाई पैदा करने की साजिश रच रही हैं। हमारे लोकतंत्र को नुकसान पहुंचाने के हर प्रयास की सभी को निंदा करनी चाहिए।

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