राजस्थान में 19 नए जिलों और तीन नए संभाग साकार हो गए हैं। इन्हें मिलाकर प्रदेश में अब कुल 50 जिले और 10 संभाग बन गए हैं। पहले राज्य में 33 जिले और सात संभाग हुआ करते थे। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कैबिनेट मंत्रियों और अधिकारियों की मौजूदगी में प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस फैसले की विस्तार से जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि सात अगस्त को हमारे मंत्री जिलों में जाएंगे। सभी जिलों में हमारे मंत्री जाएंगे। वहां पूजा-पाठ होगी। भारतीय संस्कृति, संस्कार और परंपराओं का निर्वहन करते हुए उस नए जिले की एक तरह से स्थापना की जाएगी।
जयपुर शहर और जयपुर ग्रामीण 2 जिले बनेंगे
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की कैबिनेट मीटिंग में राजस्थान के नए जिलों पर मुहर लग गई है। जिस तरह से जयपुर और जोधपुर के नामों को लेकर विवाद चल रहा था, उन पर विराम लगाते हुए अब जयपुर शहर और जयपुर ग्रामीण 2 जिले बनेंगे। वहीं दूदू जिला को भी बरकरार रखा गया है। इसी तरह से जोधपुर भी जोधपुर ग्रामीण और जोधपुर शहर के रूप में विभाजित किया जाएगा। अशोक गहलोत कैबिनेट ने जिलों और संभागों के सीमांकन पर अपनी मुहर लगा दी है। दूदू जिले को लेकर हुए विवाद के बाद जो क्षेत्र दूदू में शामिल नहीं होना चाहते थे। उन्हें जयपुर ग्रामीण में शामिल कर लिया गया है। लेकिन दूदू जिले को भी बरकरार रखा गया है. दूदू जिला अब राजस्थान का सबसे छोटा जिला होगा। जिसमें दूदू जिले की विधानसभा के क्षेत्र ही शामिल किए गए है।
7 अगस्त को होगी स्थापना
मुख्यमंत्री निवास पर प्रेस वार्ता में सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि नए जिलों में ओएसडी पहले ही लगा दिए थे। 2 हजार करोड़ रुपये का बजट भी दिया था। कई जगह एक ही जिले में 200 किलोमीटर यात्रा करनी पड़ती है। 19 नए जिलों का गठन एक प्रयोग है। इस प्रयोग के अनुभव से आगे का रास्ता खुलेगा। 7 अगस्त को नए जिलों के प्रभारी मंत्री जिलों में जाएंगे। सर्वधर्म सभा व पूजा पाठ होगी। 7 अगस्त को नए जिलों की स्थापना होगी।
नए जिलों के गठन के संकेत दिए
सीएम गहलोत ने नए जिलों के गठन के संकेत भी दिए है। सीएम ने कहा कि 2030 का विजन लेकर चल रहे हैं। चाहते हुए भी कलेक्टर पूरे जिले में नहीं जा सकते हैं। रामलुभाया कमेटी का कार्यकाल 6 महीने बढ़ाया गया है। गहलोत ने कहा कि कुछ और जिलों को लेकर कमेटी काम करेगी।
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