राजस्थान में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है| कांग्रेस के दिग्गज जाट नेता रहे नाथूराम मिर्धा की पोती और पूर्व सांसद ज्योति मिर्धा भाजपा का दामन थाम लिया है| इसे जाट बाहुल्य इलाके में भाजपा का मास्टर स्ट्रोक कहा जा रहा है, तो वहीं इस बड़े सियासी उठापटक से आरएलपी प्रमुख हनुमान बेनीवाल की मुश्किलें बढ़ सकती है|
दरअसल मिर्धा परिवार कई दशकों से कांग्रेस में रहा है और अब मिर्धा परिवार से ताल्लुक रखने वाली ज्योति मिर्धा भाजपा में शामिल हो गई है| भाजपा के इस मास्टर स्ट्रोक से ना सिर्फ नागौर की सियासत पर असर पड़ेगा, बल्कि राजस्थान के जाट बाहुल्य इलाकों में इसका असर देखने को मिल सकता है| हनुमान बेनीवाल खिलाफ ज्योति मिर्धा पहले भी चुनावी ताल ठोक कर मुश्किलें खड़ी कर चुकी हैं| अब एक बार फिर ज्योति मिर्धा हनुमान बेनीवाल के लिए नागौर और खासकर खींवसर में चुनौती पेश कर सकती है|
आपको बता दें कि ज्योति मिर्धा नागौर से कांग्रेस सांसद रह चुकी है| साल 2019 में कांग्रेस ने उन्हें नागौर में हनुमान बेनीवाल के खिलाफ चुनावी मैदान में उतारा था हालांकि चुनाव में ज्योति मिर्धा को हनुमान बेनीवाल से शिकस्त का सामना करना पड़ा था|
गौरतलब है कि तकरीबन 70 साल पहले 1952 में नाथूराम मिर्धा ने सक्रिय सियासत में कदम रखा| इसके बाद में चार बार विधायक और छह बार लोकसभा सांसद रहे| मिर्धा के पुत्र भानु भी सांसद रह चुके हैं| भानु के बाद अब उनकी पोती ज्योति मिर्धा के हाथों मिर्धा परिवार की विरासत को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी है| मिर्धा परिवार से रामनिवास मिर्धा भी दिग्गज नेता रहे हैं| साथ ही विजयपाल मिर्धा, रिछपाल मिर्धा और हरेंद्र मिर्धा सरीखे नेता भी इस परिवार से अपनी सियासी किस्मत आजमा चुके हैं| ज्योति ने साल 2009 में लोकसभा चुनाव जीत कर अपनी सियासी पारी की शुरुआत की थी| हालांकि 2014 और 2019 में उन्हें हार का सामना करना पड़ा|
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