मोदी सरनेम मानिहानि मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत शुक्रवार को मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी की सजा पर रोक लगा दी है। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने साफ किया कि वो अभी दोषसिद्धि पर रोक लगा रहे हैं। बता दें कि इसी मानहानि मामले पर राहुल गाँधी की संसदीय सदस्यता गई थी। हालांकि अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राहुल गांधी की संसदीय सदस्यता बहाल हो जाएगी।
दरअसल 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान कर्नाटक में एक रैली को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने ‘मोदी सरनेम’ को लेकर बयान दिया था। इस बयान को लेकर बीजेपी विधायक पूर्णेश मोदी ने राहुल के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज कराया था। मामला दर्ज होने के 4 साल बाद 23 मार्च को सूरत की निचली अदालत ने राहुल को दोषी करार देते हुए 2 साल की सजा सुनाई थी।
13 अप्रैल 2019 को दिया था बयान-
राहुल गांggggधी ने कर्नाटक के कोलार में 13 अप्रैल 2019 को चुनावी रैली में कहा था, ”नीरव मोदी, ललित मोदी, नरेंद्र मोदी का सरनेम कॉमन क्यों है? सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है?” राहुल के इस बयान को लेकर बीजेपी विधायक और पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने उनके खिलाफ धारा 499, 500 के तहत आपराधिक मानहानि का केस दर्ज कराया था. अपनी शिकायत में बीजेपी विधायक ने आरोप लगाया था कि राहुल ने 2019 में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए पूरे मोदी समुदाय को कथित रूप से यह कहकर बदनाम किया कि सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है?
24 मार्च 2023- राहुल की सदस्यता हुई थी रद्द-
राहुल गांधी को कोर्ट से दोषी ठहराने जाने के बाद लोकसभा सचिवालय की ओर से उनकी संसद सदस्यता रद्द कर दी गई थी। राहुल केरल के वायनाड से सांसद थे। दरअसल, जनप्रतिनिधि कानून में प्रावधान है कि अगर किसी सांसद और विधायक को किसी मामले में 2 साल या उससे ज्यादा की सजा होती है, तो उनकी सदस्यता (संसद और विधानसभा से) रद्द हो जाती है। इतना ही नहीं सजा की अवधि पूरी करने के बाद छह वर्ष तक चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य भी हो जाते हैं।