मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर में बने ‘श्री महाकाल लोक’ गलियारे की छह मूर्तियां रविवार दोपहर आई तेज आंधी के चलते गिरकर क्षतिग्रस्त हो गईं। इसके बाद एमपी में सियासी पारा चढ़ गया है। प्रधानमंत्री मोदी ने आठ महीने पहले ‘श्री महाकाल लोक’ गलियारे के पहले चरण का लोकार्पण किया था। कुल 856 करोड़ रुपए की लागत वाली इस परियोजना के पहले चरण में ‘श्री महाकाल लोक’ को 351 करोड़ रुपए की लागत से तैयार किया गया है। अब इसके निर्माण पर सवाल उठ रहे हैं।
महाकाल लोक में 150 मूर्तियां
देश के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक महाकालेश्वर का मंदिर उज्जैन में स्थित है। यहां देश विदेश से बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। उज्जैन के कलेक्टर पुरुषोत्तम कुमार ने कहा कि श्री महाकाल लोक गलियारे में 150 से अधिक मूर्तियां हैं, जिनमें से रविवार दोपहर आई तेज आंधी से छह मूर्तियां गिरकर टूट गईं। ये टूटी मूर्तियां वहां स्थापित किए गए सात सप्त ऋषियों में से हैं। ठेकेदार नयी मूर्तियां लगाएंगे, क्योंकि पांच साल तक की देखरेख का जिम्मा भी उनका ही है। हम आगे के लिए भी नियम और सख्त कर रहे हैं और उनकी जवाबदारी तय करने वाले हैं।
कलेक्टर पुरुषोत्तम कुमार ने स्पष्ट किया कि ये गिरकर टूटी हुई मूर्तियां महाकाल मंदिर के अंदर नहीं थीं। वे ‘श्री महाकाल लोक’ गलियारे में थीं। उन्होंने कहा कि रविवार की तेज आंधी से उज्जैन जिले में दो लोगों की मौत भी हुई है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा, जिले में तूफान से कुछ घर भी गिरने की सूचना मिली है।
अक्टूबर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था लोकार्पण
दरअसल, महाकाल लोक में एक हिस्से का काम अभी पूरा हुआ है। दूसरे चरण का काम वहां चल रहा है। अक्टूबर 2022 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्री महाकाल लोक का लोकार्पण किया था। इसके बाद बड़ी संख्या में यहां श्रद्धालु पहुंचने लगे थे। महाकाल लोक की सुंदरता रात में दिव्य हो जाती थी।
जनहानि नहीं हुई
वहीं, मूर्तियां जब परिसर में गिरी तो वहां कोई मौजूद नहीं था। आमतौर पर रविवार को यहां सबसे ज्यादा श्रद्धालु आते हैं। आंधी-तूफान की वजह से कॉरिडोर में श्रद्धालु नहीं थे। इसकी वजह से बड़ा हादसा टल गया है। मुख्यमंत्री ने भी मामले में संज्ञान लिया है। अब देखना होगा कि निर्माण करने वाले कॉन्ट्रैक्टर क्या कार्रवाई होती है।
निर्माण में गड़बड़ी के लगे हैं आरोप
दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब महाकाल लोक का लोकार्पण किया था। इसके बाद इसमें गड़बड़ी के आरोप लगा था। लोकायुक्त ने इस मामले में केस भी दर्ज किया है। साथ ही तत्कालीन उज्जैन कलेक्टर को नोटिस भी जारी किया था। उनके साथ कुछ अन्य अधिकारियों को भी नोटिस दिया गया था। हालांकि अभी तक इस मामले में कुछ कार्रवाई नहीं हुई है।