मणिपुर से एक बड़ी खबर आ रही है। एक बार फिर से नए साल के पहले दिन प्रदेश के थौबल में कथित तौर पर तीन लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई। इस हिंसा में कई लोग घायल भी हुए हैं। इसके बाद राज्य के पांच जिलों में फिर कर्फ्यू लागू कर दिया गया। अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि हमालवरों की अभी तक पहचान नहीं हो सकी है। उन्होंने बताया कि हमलावरों ने लिलोंग चिंगजाओ क्षेत्र में स्थानीय लोगों को निशाना बनाकर गोलीबारी की। इस घटना में तीन लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि पांच अन्य घायल हो गए। अधिकारियों ने बताया कि घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हमले के बाद आक्रोशित स्थानीय लोगों ने तीन वाहनों को आग के हवाले कर दिया। उन्होंने बताया कि इस घटना के बाद थौबल, इंफाल पूर्व, इंफाल पश्चिम, बिष्णुपुर जिलों में फिर कर्फ्यू लागू कर दिया गया है।
घटना के बाद मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने एक वीडियो संदेश में हिंसा की निंदा की और लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है।
30 दिसंबर को पुलिस पर हमला
मणिपुर में शनिवार (30 दिसंबर) को उग्रवादियों ने दो हमले किए। प्रदेश के सीमावर्ती शहर मोरे में उग्रवादियों ने शनिवार की रात मणिपुर पुलिस कमांडो पर उनके बैरक के अंदर हमला कर दिया। इसमें चार कमांडो घायल हो गए हैं। बता दें कि उग्रवादियों ने इस हमले के दौरान रॉकेट कंट्रोल ग्रेनेड (आरपीजी) भी दागे। वहीं इसके पहले मणिपुर के मोरेह में शनिवार अज्ञात बंदूकधारियों ने पुलिस कमांडो को निशाना बनाया। इस हमले में एक पुलिसकर्मी को छर्रे लगे, जिससे वह घायल हो गया।
कई महीनों से चल रही हिंसा
बता दें कि मणिपुर में पिछले कई महीनों से लगातार जातीय हिंसा चल रही है। 3 मई से शुरु हुई यह हिंसा मैतेई और कुकी जनजाति के बीच चल रही थी। मालूम हो कि मैतेई घाटी बहुल समुदाय है और कुकी जनजाति पहाड़ी बहुल समुदाय है। मणिपुर में मैतेई समाज यह मांग कर रहा था कि उसको भी कुकी की तरह राज्य में शेड्यूल ट्राइब (ST) का दर्जा दिया जाए।