पाली। बगड़ी नगर के निकटवर्ती ग्राम पीपलाद कस्बे में भाद्रपद शुक्ल पक्ष जलझूलनी एकादशी पर एक दिवसीय मेले के दिन भगवान जोनरायजी को पालकी में विराजित कर पीपलाद गांव की तलाई पर ले जाया गया। सैकड़ों श्रद्धालुओं की उपस्थिति में शाही स्नान करवाया गया। हजारों श्रद्धालुओं ने प्रभु के विगृह स्नान के अलोकिक दृश्य को अलपक निगाहों से निहारा।
प्रभु की 11 बजे भोग आरती के बाद भगवान जोनरायजी बाल प्रतिमा की शौभायात्रा भगवान के गर्भगृह से पालकी में बिराजमान करके निकली। बेन्ड बाजों की मधुर ध्वनी के साथ गणी खम्मा के जयकारों के साथ नृत्य किये चल रहे थे। इस दौरान भक्तजनों व श्रद्धालुओं ने खूब अबिर गुलाल उडाई।
साथ में श्रद्धालुओं ने जगह-जगह प्रभु वाण पर पुष्प वर्षा कर स्वागत किया। रेवाड़ी तलाई पहुंची जहां संस्था के मुख्य पुजारी मंगला महाराज ने भगवान जानरायजी बाल विग्रह को कुएं के जल की बौछारे उड़ेल – उड़ेल कर स्नान कराया। उसके बाद मंदिर स्थित हॉल में शाम 5 बजे तक जोनरायजी भगवान को अल्प विश्राम भी करवाया गया। उसके पुन्ह प्रतिमा को नव वस्त्र धारण करवाए । वापची के दौरान पालकी में विराजमान करा कर पुजारी मंगला महाराज व भक्तगण भजन कीर्तन करते हुए मंदिर पहुंचे जहां प्रभु की बाल प्रतिमा की आरती उतारी गई। तथा बाल प्रतिमा को गर्भ ग्रह में प्रतिस्थापित करवाया।
प्रभु को स्नान के लिए लाया उस समय ऐसा प्रतीत हो रहा था मानो प्रभु साक्षात् रूप में धरती पर अवतरित हो गए हो। इस महोत्सव में महाप्रसादी के लाभार्थी संस्था के अध्यक्ष मोहनलाल सेंणचा रहे । इस कार्यक्रम में श्री जोनरायजी भगवान विकास संस्थान पीपलाद के सम्मस्त कार्यकारिणी सदस्य एवं भक्त परिवार सहित आस पास गांवों के बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे।