पैकेट बांटने के लिए अन्नपूर्णा योजना शुरू की है। इसकी शुरूआत 15 अगस्त को की गई, लेकिन सप्लाई के दौरान मसाले की गुणवत्ता को लेकर सवाल उठने लगे हैं।
सोशल मीडिया पर जगह जगह से मिर्च व अन्य मसाले घटिया क्वालिटी के वितरित किए जाने को लेकर सवाल उठने लगे हैं। इसके बाद अब कलेक्टर ने जांच के लिए पांच सदस्यीय कमेटी बनाई है। वहीं मसालों के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे गए हैं। इस बीच कलेक्टर ने खाद्य सामग्री वितरणपर रोक लगा दी है। अब नमूनों की जांच के बाद ही सप्लाई दी जाएगी।
इधर, रसद विभाग के अफसरों का दावा है कि खाद्य सामग्री की गुणवत्ता में कोई कमी नहीं है। विभाग ने खाद्य सामग्री के नमूने योजना शुरू होने से पहले ही लेकर जांच के लिए भेज दिए है, उसकी जांच रिपोर्ट अभी तक आई नहीं है। इसके अलावा योजना की मॉनिटरिंग कर रहे जिला रसद विभाग व उप रजिस्ट्रार कार्यालय भी जांच कर रहा है। दरअसल, सीएम गहलोत ने 15 अगस्त को सीएम निःशुल्क अन्नपूर्णा फूड पैकेट का योजना का शुभारंभ किया है। बाड़मेर जिले में हर माह 4 लाख फूड पैकेट योजना के तहत वितरण करने है।
मिर्ची क्वालिटी का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल
जिला कलेक्टर के निर्देश पर जांच कमेटी बाड़मेर के नेशनल हाईवे 68 स्थित अन्नपूर्णा फूड पैकेट ठेकेदार के गोदाम पहुंचे और जहां पर फूड पैकेट के सैंपल लेकर जोधपुर लैब में गुणवत्ता जांच के लिए भेजे गए हैं।

सैंपल की जांच जोधपुर लैब में
बाड़मेर अतिरिक्त जिला कलेक्टर अंजुम ताहिर ने बताया कि अन्नपूर्णा फूड पैकेट क्वालिटी को लेकर दो वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे जिसकी जांच करवाने पर एक वीडियो बाड़मेर जिले से बाहर का होना सामने आया है। वहीं दूसरा वीडियो बाड़मेर जिले के सरहदी क्षेत्र धनाऊ तहसील का बताया जा रहा है जिसको लेकर तहसीलदार को जांच के आदेश दिए हैं. सैंपल लेकर जोधपुर लें में भेजे गए हैं।