पाकिस्तान की वायु रक्षा प्रणाली एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गई है। हाल ही में हुए ड्रोन हमलों में पाकिस्तान की चीनी निर्मित एयर डिफेंस प्रणाली एचक्यू-9 को भारी नुकसान हुआ है। भारत के साथ बढ़ते तनाव के बीच यह घटना पाकिस्तान के लिए एक बड़ी चिंता का विषय बन गई है। रिपोर्टों के अनुसार, एचक्यू-9 सिस्टम पाकिस्तान के संवेदनशील ठिकानों पर ड्रोन हमलों को रोकने में पूरी तरह विफल रहा है, जिससे पाकिस्तान की सेना को एक और बड़ा झटका लगा है।
सिस्टम की नाकामी पर उठे सवाल
पाकिस्तान की सैन्य शक्ति का एक बड़ा हिस्सा चीन पर आधारित है, और इसके 80% से अधिक हथियार चीनी मूल के हैं। अगर चीन का यह हाई-टेक एयर डिफेंस सिस्टम असफल हो गया है, तो इससे पाकिस्तान की संप्रभु रक्षा क्षमताओं पर गंभीर सवाल खड़े होते हैं।
ड्रोन हमलों में ध्वस्त हुआ ‘चीनी कवच’
पाकिस्तान के संवेदनशील ठिकानों पर ड्रोन हमलों में HQ-9 सिस्टम को भारी नुकसान हुआ है। चीनी निर्मित इस प्रणाली का दावा था कि यह रडार से लैस और मल्टी-टारगेट एंगेजमेंट करने में सक्षम है, लेकिन ड्रोन हमलों के दौरान यह सिस्टम पूरी तरह से विफल रहा।
HQ-9 की खासियत और दावा
HQ-9 एयर डिफेंस सिस्टम चीन द्वारा विकसित किया गया है, और इसे रूसी S-300 और अमेरिकी Patriot सिस्टम से प्रेरित बताया जाता है। चीन ने इस सिस्टम की मारक क्षमता 120 से 250 किलोमीटर तक होने का दावा किया था, लेकिन वास्तविक युद्ध स्थितियों में इसका प्रदर्शन संदिग्ध रहा है।
AESA रडार और मल्टी-ट्रैकिंग भी हुए फेल
HQ-9 प्रणाली को AESA रडार, मल्टी-ट्रैकिंग और मल्टी-टारगेट इंगेजमेंट की सुविधाओं से लैस बताया गया था। इस सिस्टम का दावा था कि यह क्रूज मिसाइल, बैलिस्टिक मिसाइल और एयरक्राफ्ट को इंटरसेप्ट कर सकता है, लेकिन हालिया घटनाओं ने इस प्रणाली की कारगरता पर सवाल खड़ा कर दिया है।
2021 से पाकिस्तान की उम्मीद, अब सिरदर्द
पाकिस्तान ने 2021 से अपनी वायु रक्षा रणनीति में HQ-9B सिस्टम को शामिल किया था। इसे कराची, ग्वादर और इस्लामाबाद जैसे महत्वपूर्ण और संवेदनशील क्षेत्रों की सुरक्षा के लिए तैनात किया गया था, लेकिन अब यह प्रणाली पाकिस्तान के लिए सिरदर्द बन गई है।
चीनी दबाव में हुआ था सौदा?
रिपोर्ट्स के अनुसार, चीन ने पाकिस्तान पर इस सिस्टम को खरीदने के लिए भारी दबाव बनाया था, हालांकि कई रिपोर्टों में इसके प्रभावी होने पर पहले ही सवाल उठ चुके थे। इसके बावजूद, पाकिस्तान ने इस चीनी सिस्टम पर भरोसा किया और अब यही भरोसा उसकी सैन्य प्रतिष्ठा पर भारी पड़ रहा है।
युद्ध की स्थिति में पाकिस्तान की चिंता बढ़ी
यदि ड्रोन हमलों में HQ-9 जैसी प्रणालियां नष्ट हो रही हैं, तो यह स्पष्ट है कि पाकिस्तान की वायु रक्षा प्रणाली भविष्य में किसी बड़े संघर्ष का जवाब देने में सक्षम नहीं होगी। यह स्थिति पाकिस्तान के लिए रणनीतिक दृष्टि से बेहद चिंताजनक है, खासकर जब भारत के पास राफेल, ब्रह्मोस और अन्य उन्नत तकनीकी हथियार पहले से ही मौजूद हैं।