मध्य प्रदेश में इंडिया गठबंधन को बड़ा झटका लगा है। यहां की खजुराहो सीट से गठबंधन प्रत्याशी के रूप में उतरीं सपा नेता मीरा यादव का नामांकन निरस्त कर दिया गया है। मिली जानकारी के अनुसार, मीरा यादव का नामांकन दो कारणों से रद्द किया गया है। आइये जानते हैं क्या है पूरा मामला।
खजुराहो संसदीय सीट राज्य की एकमात्र वो सीट थी, जो कांग्रेस ने समाजवादी पार्टी के लिए छोड़ी थी। सपा ने पहले यहां से डॉ. मनोज यादव को प्रत्याशी बनाया था, लेकिन बाद में उसे बदलकर मीरा यादव को यहां से चुनावी मैदान में उतारा था। इसके पहले मीरा यादव के पति दीपक यादव ने संवाददाताओं से चर्चा के दौरान कहा कि उन्हें कलेक्टर सुरेश कुमार ने नामांकन फॉर्म निरस्त किए जाने की सूचना दी है।
इस बारे में जानकारी देते हुए प्रत्याशी मीरा यादव के पति दीप नारायण यादव ने कहा कि उनका नामांकन दो वजहों से रद्द किया गया है। इसमें एक पेज पर प्रत्याशी के हस्ताक्षर नहीं थे और फॉर्म के साथ पुरानी मतदाता सूची भी नहीं दी गई थी। उन्होंने कहा कि नियम के अनुसार, गलती की जानकारी प्रत्याशी को दी जानी चाहिए लेकिन उन्हें सीधा नामांकन निरस्त होने की जानकारी दी गई है।
निर्वाचन अधिकारी ने मीरा यादव का नामांकन रद्द करने की वजह भी बताई है। इस बारे में जानकारी देते हुए मीरा यादव के पति ने कहा कि नामांकन में अगर कोई कमी रहती है तो उसे दुरुस्त करने की जिम्मेदारी निर्वाचन अधिकारी की होती है। उन्होंने कहा कि नामांकन में दो कमियां बताई जा रही हैं। उन्होंने जिला निर्वाचन अधिकारी और कलेक्टर सुरेश कुमार पर पक्षपात के आरोप लगाते हुए कहा कि वे न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे।
इस क्षेत्र में नामांकन पत्र जमा करने का कल अंतिम दिन था। आज नामांकन पत्रों की जांच हुई। मीरा यादव का नामांकन निरस्त होने के बाद अब यहां से मुख्य तौर पर वीडी शर्मा ही एकमात्र प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं। वे यहां से वर्तमान में सांसद भी हैं। ऐसे में इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी के तौर पर चुनाव नामांकन रद्द होने के बाद मीरा यादव के कोर्ट का रुख करने की बातें सामने आ रही हैं। फिलहाल उनका नामांकन रद्द कर दिया गया है।
क्या बोले अखिलेश यादव
मीरा यादव का खजुराहो सीट से नामांकन रद्द होने के बाद सपा मुखिया अखिलेश यादव का बयान सामने आया है। उन्होंने सोशल मीडिया साइट ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए लिखा,”खजुराहो सीट से इंडिया गठबंधन की सपा प्रत्याशी मीरा यादव का नामांकन निरस्त करना सरेआम लोकतंत्र की हत्या है। कहा जा रहा है कि हस्ताक्षर नहीं थे तो फिर देखनेवाले अधिकारी ने फार्म लिया ही क्यों। ये सब बहाने हैं और हार चुकी भाजपा की हताशा। जो न्यायालय के कैमरे के सामने छल कर सकते हैं वो फार्म मिलने के बाद पीठ पीछे क्या-क्या साज़िश रचते होंगे। भाजपा बात में ही नहीं काम में भी झूठी है और समस्त प्रशासनिक तंत्र को भ्रष्ट बनाने की दोषी भी। इस घटना की भी न्यायिक जाँच हो, किसी का पर्चा निरस्त करना लोकतांत्रिक अपराध है।”
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