कर्नाटक के CM सिद्धारमैया और डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से मुलाकात की

कर्नाटक के CM सिद्धारमैया और डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से मुलाकात की
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कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दरामैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने गुरुवार को यहां केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से मुलाकात की और उन्हें सूखे जैसी स्थिति का हवाला देते हुए तमिलनाडु को 28 सितंबर तक प्रतिदिन 5,000 क्यूसेक पानी छोड़ने के सीडब्ल्यूएमए के आदेश का पालन करने में राज्य की असमर्थता के बारे में बताया। यह बैठक तमिलनाडु को कावेरी नदी का पानी छोड़े जाने के खिलाफ किसान संगठनों के विरोध प्रदर्शन की पृष्ठभूमि में हुई।

हालांकि, उच्चतम न्यायालय ने गुरुवार को कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण (सीडब्ल्यूएमए) और कावेरी जल विनियमन समिति के आदेशों में हस्तक्षेप करने से इन्कार कर दिया, जिसमें कर्नाटक सरकार को तमिलनाडु को 5,000 क्यूसेक पानी छोड़ने का निर्देश दिया गया था।

बैठक के दौरान उपमुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से चार राज्यों कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल और पुड्डुचेरी की बैठक बुलाकर इस मामले को सुलझाने में हस्तक्षेप की भी मांग की। बैठक में केंद्रीय मंत्री शोभा करंदलाजे, भगवंत खुबा और ए नारायणसामी के साथ राज्य कांग्रेस के मंत्रियों सहित भाजपा सांसद मौजूद थे।

शिवकुमार ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘बैठक के दौरान मंत्रियों को बताया गया कि पड़ोसी राज्य को पानी छोड़ने के खिलाफ किसान और विभिन्न संगठन प्रदर्शन कर रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्राधिकरण के पूर्व के आदेशों का पालन करेगी, लेकिन 18 सितंबर को जारी किए गए आदेश का पालन करना संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि फिर भी राज्य सरकार पड़ोसी राज्य को प्रतिदिन 4,000 क्यूसेक पानी छोड़ रही है।

पांच हजार क्यूसेक पानी छोडने की बनी सहमति
बता दें कि कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण (सीडब्ल्यूएमए) का आदेश 18 सितंबर को आया था। यह निर्देश सोमवार को एक आपातकालीन बैठक के बाद आया जिसमें कर्नाटक और तमिलनाडु दोनों ने अपने प्रतिनिधि भेजे थे। बैठक में कर्नाटक ने कहा था कि वह 3,000 क्यूसेक पानी छोड़ सकता है जबकि तमिलनाडु ने 12,500 क्यूसेक पानी की मांग की। हालांकि, अगले 15 दिनों के लिए 5,000 क्यूसेक पानी छोड़ने पर सहमति बनी है। 

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