मंदसौर: मध्य प्रदेश के मंदसौर जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय में जनसुनवाई के दौरान सरकारी सिस्टम को मुंह चिढ़ाने वाला एक वीडियो सामने आया है। यहां भूमाफिया से परेशान एक बुजुर्ग किसान जमीन पर लोटता हुआ अपनी गुहार लगाने पहुंचा। बुर्जुग का कहना है कि फर्जी दस्तावेज के जरिए दबंगों ने उनकी जमीन हड़प ली है। वह 25 से ज्यादा बार जनसुनवाई में आवेदन दें चुके हैं। राष्ट्रपति से लेकर प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री तक को अपनी गुहार लगा चुके हैं, लेकिन कोई मदद नहीं कर रहा।
किसान शंकरलाल ने बताया कि सुरखेड़ा में उनकी पौने 9 बीघा कृषि भूमि हैं। जिसे धोखे से कलेक्टर कार्यालय में पदस्थ बाबू देशमुख ने अपने बेटे अश्विनी देशमुख के नाम करा ली है। इसके लिए वो 2010 में लड़ाई लड़ रहे हैं। किसान का कहना है कि छलकपट कर जिन्होंने मेरी भूमि अपने नाम करवाई है वे अब यहां गुंडे बदमाशों के जरिए कब्जा करना चाहते हैं।
मामले में सीतामऊ तहसीलदार मनोहरलाल वर्मा ने बताया कि आवेदक और इसके परिवार के लोगों की संयुक्त भूमि का मामला है। परिजनों ने उक्त भूमि को 2010 में बेच कर नामांतरण भी करवा दिया है। आवेदक बेची की हुई भूमि पर अपना कब्जा जता रहे हैं। बहरहाल, बुर्जुग के लोटकर कलेक्टर कार्यालय जाने का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
बाबू देशमुख पर आरोप
बुजुर्ग किसान द्वारा आरोप लगाया गया है कि कलेक्टर कार्यालय में पदस्थ बाबू देशमुख ने उनकी जमीन को अपने बेटे अश्विनी देशमुख के नाम पर करवा लिया है। उन्होंने इसके साथ ही दावा किया है कि उनके पास धोखाधड़ी के सबूत मौजूद हैं। इस मामले में शंकरलाल पाटीदार ने बताया कि वे ने अपनी जमीन को कभी नहीं बेचा है, लेकिन उनके परिजनों ने 2010 में जमीन का नामांतरण करवा दिया था। उन्हें अपनी पैतृक जमीन की वापसी की इच्छा है, लेकिन उन्हें डर है कि जमीन को हड़पने वाले उन्हें मार सकते हैं।
शंकरलाल 2010 से अपनी जमीन के लिए कर रहे संघर्ष
शंकरलाल पाटीदार सीतामऊ के साखतली गांव के निवासी हैं। उन्होंने बताया है कि 2010 से वे अपनी जमीन के लिए संघर्ष कर रहे हैं। उन्होंने 25 से अधिक बार जनसुनवाई में आवेदन दिया है। राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री तक को गुहार लगा चुके हैं, लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई है।
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