पॉडकास्ट में बोले- निष्पक्ष सुनवाई का भरोसा मिला तो गंभीरता से करूंगा विचार
नई दिल्ली। भगोड़े कारोबारी विजय माल्या भारत लौटने के बारे में विचार कर सकते हैं, लेकिन इसके लिए उन्होंने सरकार के सामने एक शर्त रखी है। हाल ही में माल्या एक पॉडकास्ट में शामिल हुए, जहां उन्होंने फ्रॉड के आरोपों, भगोड़ा कहे जाने सहित कई मुद्दों पर खुलकर बात की। बता दें कि माल्या वर्ष 2016 में भारत से चले गए थे और फिलहाल उन्हें भारत लाने की कानूनी कोशिशें जारी हैं।
भारत आने की शर्त बताई
राज शमानी के पॉडकास्ट में विजय माल्या से पूछा गया कि यदि उन्हें निष्पक्ष सुनवाई का भरोसा दिया जाए, तो क्या वे भारत लौटना चाहेंगे? इस पर माल्या ने कहा, “अगर मुझे भरोसा दिया जाता है, तो निश्चित ही मैं इस पर गंभीरता से विचार करूंगा।”
माल्या ने यह भी कहा कि, “कुछ अन्य लोग भी हैं जिन्हें भारत प्रत्यर्पित करने के प्रयास किए जा रहे हैं। अपीलीय हाईकोर्ट ने उनके मामलों में यह कहा है कि भारत में हिरासत की स्थिति यूरोपियन कन्वेंशन ऑन ह्यूमन राइट्स (ECHR) के अनुच्छेद 3 का उल्लंघन करती है और इसलिए उन्हें वापस नहीं भेजा जा सकता।”
खुद को चोर कहे जाने पर जताई आपत्ति
विजय माल्या ने खुद को चोर कहे जाने पर आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा, “मार्च 2016 के बाद भारत नहीं जाने के कारण मुझे भगोड़ा कह सकते हैं। लेकिन मैं भागा नहीं था, मेरी यात्रा पहले से तय थी। मैं उन कारणों से वापस नहीं लौटा जो मुझे वैध लगे। ऐसे में अगर आप मुझे भगोड़ा कहना चाहते हैं, तो कहिए। लेकिन चोर क्यों? कहां हुई है चोरी?”
अप्रैल में भारतीय बैंकों के पक्ष में आया फैसला
इस साल अप्रैल में भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के नेतृत्व में बैंकों के एक समूह ने लंदन की अदालत में विजय माल्या के खिलाफ दिवाला कार्यवाही को बनाए रखने की अपील जीत ली थी। यह मामला माल्या की अब बंद हो चुकी किंगफिशर एयरलाइंस पर बकाया ऋण को लेकर चल रहा है।
लंदन हाईकोर्ट के न्यायाधीश एंथनी मान ने भारतीय बैंकों के पक्ष में फैसला सुनाते हुए विजय माल्या की ओर से दायर दोनों अपीलों को खारिज कर दिया था। यह फैसला माल्या के लिए एक बड़ा कानूनी झटका माना गया था।