नई दिल्ली। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के अंग्रेजी बोलने को लेकर दिए गए बयान पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कड़ा पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) नहीं चाहते कि गरीबों के बच्चे अंग्रेजी सीखें और आगे बढ़ें।
राहुल गांधी ने अंग्रेजी को बताया शक्ति का माध्यम
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि “अंग्रेजी बांध नहीं, पुल है। अंग्रेजी शर्म नहीं, शक्ति है। अंग्रेजी जंजीर नहीं – जंजीरें तोड़ने का औजार है।” उन्होंने भाजपा और आरएसएस पर आरोप लगाया कि वे नहीं चाहते कि गरीब का बच्चा अंग्रेजी सीखे, पढ़े-लिखे, सवाल पूछे, आगे बढ़े और बराबरी करे।
इस दौरान राहुल गांधी ने यह भी कहा कि आज के समय में अंग्रेजी उतनी ही जरूरी है जितनी मातृभाषा – क्योंकि यही रोजगार दिलाने का जरिया बनेगी और आत्मविश्वास बढ़ाएगी।
हर बच्चे को अंग्रेजी सिखाना जरूरी: राहुल
राहुल गांधी ने आगे कहा कि भारत की हर भाषा में आत्मा, संस्कृति और ज्ञान है, जिसे हमें संजोकर रखना है। लेकिन इसके साथ ही हर बच्चे को अंग्रेजी भी सिखानी चाहिए, ताकि वह दुनिया से मुकाबला कर सके और बराबरी का अवसर पा सके।
वीडियो में भी रखे विचार
राहुल गांधी ने अपने इस पोस्ट के साथ एक वीडियो भी साझा किया, जिसमें वह कहते दिख रहे हैं कि अंग्रेजी एक हथियार है। इसे सीखकर कोई भी व्यक्ति अमेरिका, जापान या कहीं भी जाकर काम कर सकता है। उन्होंने कहा कि अंग्रेजी के खिलाफ बोलने वाले लोग नहीं चाहते कि आम बच्चों को करोड़ों रुपये की नौकरी मिले, इसलिए वे उनके लिए दरवाजा बंद करना चाहते हैं।
अमित शाह ने क्या कहा था?
गौरतलब है कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने हाल ही में कहा था कि जल्द ही भारत में ऐसा समय आएगा जब अंग्रेजी बोलने वाले खुद को शर्मिंदा महसूस करेंगे। उन्होंने कहा कि किसी विदेशी भाषा में अपनी संस्कृति, धर्म और इतिहास को नहीं समझा जा सकता। यह बयान उन्होंने पूर्व IAS अधिकारी आशुतोष अग्निहोत्री द्वारा लिखित एक पुस्तक के विमोचन कार्यक्रम में दिया था।