बांग्लादेश के स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रियंका गांधी ने संसद में मोदी सरकार से पड़ोसी मुल्क में हिंदुओं, ईसाइयों समेत अन्य अल्पसंख्यकों को बचाने की अपील की। उन्होंने कहा आज विजय दिवस है। इसी दिन हमने पाकिस्तान को सबक सिखाया था और बांग्लादेश का निर्माण हुआ था। इसे इंदिरा गांधी जी की निर्णायक सरकार और जांबाज सैनिकों ने अंजाम दिया था। उन्होंने इंदिरा गांधी की इच्छाशक्ति का जिक्र करते हुए मोदी सरकार से अपील की कि आप भी उसी तरह बांग्लादेश के अल्पसंख्यकों की रक्षा करें।
प्रियंका गांधी ने लोकसभा में अपनी दूसरी स्पीच में सोमवार को कहा, ‘पहला मुद्दा जो मैं उठान चाहती हूं, वह यह है कि इस सरकार को बांग्लादेश में हिंदुओं, ईसाइयों के साथ हो रहे उत्पीड़न के खिलाफ आवाज उठाना चाहिए। 1971 की जंग में जिन जांबाजों और शहीदों ने लड़ाई लड़ी, उनको मैं नमन करना चाहती हूं। आज देश की जनता को मैं नमन करना चाहती हूं क्योंकि भारत ने जो जीत पाई थी, वह उनके बिना संभवन नहीं था। हम उस समय अकेले थे और बंगाली भाई बहनों की आवाज कोई नहीं सुन रहा था। उस दौरान भारत की जनता साथ आई और नेतृत्व के साथ खड़ी हुई।’
कांग्रेस की वायनाड सांसद ने कहा कि मैं इंदिरा गांधी को नमन करना चाहती हूं। वह इस देश की महान शहीद हैं। उन्होंने कठिन हालात में भी ऐसा नेतृत्व दिखाया, जिससे यह देश विजयी हुआ। वह लड़ाई उसूलों की थी। पहला मुद्दा है कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ जो अत्याचार हो रहा है, उस पर सरकार को आवाज उठानी चाहिए। वहां पीड़ित हिंदुओं और ईसाइयों की बात रखनी चाहिए।
आज वह तस्वीर ही उतार ली गई, जिसमें पाकिस्तान का सरेंडर दिखाया गया’
प्रियंका गांधी ने कहा कि आज सेना मुख्यालय से वह तस्वीर उतारी गई है, जिसमें पाकिस्तान की सेना के सरेंडर को दिखाया गया है। पाकिस्तान के 93 हजार सैनिकों ने भारत की सैन्य ताकत के आगे हथियार डाल दिए थे। उस आत्मसमर्पण की तस्वीर के जिक्र से आज भी पाकिस्तान चिढ़ता है।