मुंबई: कांग्रेस, राकांपा (एसपी) और शिवसेना (यूबीटी) के गठबंधन ‘महा विकास आघाडी’ (एमवीए) ने बुधवार को महाराष्ट्र में 85-85 सीट पर चुनाव लड़ने की घोषणा की। हालांकि सीट बंटवारे को अंतिम रूप देने को लेकर विचार-विमर्श अब भी जारी है। तीनों सहयोगी दल कुल 288 में से शेष 33 सीट को आपस में तथा छोटी पार्टियों के साथ बांटने पर चर्चा कर रहे हैं। शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि 20 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए कुल 288 सीट में से 270 पर सहमति बन गई है।
राउत ने कहा, “हम समाजवादी पार्टी, पीडब्ल्यूपी, माकपा, भाकपा और ‘आप’ को शामिल करेंगे। शेष सीट के लिए अब भी चर्चा चल रही है। हम सौहार्दपूर्ण ढंग से 270 सीट पर सहमति पर पहुंचे हैं। महायुति सरकार को हराने के लिए एमवीए एकजुट है।” महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले ने कहा कि बाकी सीट छोटी पार्टियों के लिए छोड़ी जाएंगी। शिवसेना (यूबीटी) नेता अनिल देसाई ने संवाददाताओं से अलग से बातचीत में सीट बंटवारे के बारे में बताया।
देसाई ने कहा, “एमवीए के तीनों घटक दल 85-85 सीट (कुल 255) पर सहमति पर पहुंच गए हैं। शेष 33 सीट में से सहयोगी दल आपस में 18 सीट पर चर्चा कर रहे हैं, जबकि शेष (15 सीट) छोटे दलों को आवंटित की जाएंगी।” कुछ सीटों, विशेषकर विदर्भ क्षेत्र और मुंबई में शिवसेना (यूबीटी) और कांग्रेस के बीच विवाद के कारण विपक्षी सदस्यों के बीच सीट बंटवारे पर बातचीत कई सप्ताह तक चलती रही।
हाल के लोकसभा चुनावों में अपने बेहतर प्रदर्शन के कारण कांग्रेस विदर्भ में अपनी जमीन खोने को इच्छुक नहीं है। सीट बंटवारे पर गतिरोध जारी रहने के कारण, विपक्षी खेमे में समाजवादी पार्टी (सपा), आम आदमी पार्टी (आप), वामपंथी दल और पीजेंट एंड वर्कर्स पार्टी (पीडब्ल्यूपी) सहित छोटी पार्टियों में बेचैनी बढ़ रही थी। अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली सपा ने एमवीए से 12 सीट की मांग की थी और पांच निर्वाचन क्षेत्रों में उम्मीदवारों की घोषणा कर दी थी।
विभिन्न दलों के उम्मीदवार टिकट पाने के लिए एमवीए शामिल दलों के कार्यालयों में उमड़ रहे हैं, क्योंकि नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है – जिसकी अंतिम तिथि 29 अक्टूबर है। सीट आवंटन में लगातार हो रही देरी उनकी चुनावी संभावनाओं को नुकसान पहुंचा सकती है। इस साल हुए आम चुनाव में महाराष्ट्र में एमवीए को 48 लोकसभा सीट में से 31 सीट मिली थीं, इसलिए छोटी पार्टियां ‘इंडिया’ गठबंधन के बैनर तले चुनाव लड़ने की इच्छुक हैं। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को मात्र 17 सीट मिली थीं।