सीएम बदलने की अटकलों के बीच खड़गे के बयान से बढ़ी सियासी हलचल
बेंगलुरु: दक्षिण भारत के प्रमुख राज्य कर्नाटक में इस समय मुख्यमंत्री बदलने को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है। रविवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बयान के बाद चर्चाओं को और बल मिला है। खड़गे ने नेतृत्व परिवर्तन की संभावना को न तो खारिज किया और न ही स्पष्ट जवाब दिया, बल्कि उन्होंने फैसला पार्टी हाईकमान पर छोड़ दिया। यह बयान ऐसे समय आया जब रणदीप सुरजेवाला के बेंगलुरु दौरे के बाद यह कयास लगाए जा रहे थे कि डी.के. शिवकुमार को मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है।
खड़गे बोले – हाईकमान के अधिकार में है फैसला
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से जब अक्टूबर में मुख्यमंत्री बदले जाने की संभावनाओं के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा, “यह फैसला पूरी तरह हाईकमान के हाथ में है। कोई नहीं कह सकता कि हाईकमान के दिमाग में क्या चल रहा है। फैसला लेना उनका अधिकार है, लेकिन बेवजह इस मुद्दे को लेकर किसी को परेशानी नहीं होनी चाहिए।”
विधायक इकबाल हुसैन का दावा – जल्द मिल सकता है शिवकुमार को मौका
कांग्रेस विधायक एच. ए. इकबाल हुसैन ने रविवार को कहा कि उपमुख्यमंत्री डी. के. शिवकुमार को दो-तीन महीनों में मुख्यमंत्री बनने का मौका मिल सकता है। उन्होंने कहा, “आप सभी जानते हैं कि चुनाव जीतने में सबसे अधिक मेहनत, योजना और भूमिका शिवकुमार की रही। उनकी रणनीति आज मिसाल बन चुकी है। हमें भरोसा है कि हाईकमान सही समय पर उन्हें मौका देगा।”
संकेतों की ओर बढ़ रही निगाहें, सितंबर के बाद बदलाव संभव
जब कांग्रेस विधायक से यह पूछा गया कि क्या डी.के. शिवकुमार इस साल मुख्यमंत्री बन सकते हैं, तो उन्होंने कहा, “हां, मैं ऐसा ही कह रहा हूं।” उन्होंने संकेत दिए कि सितंबर के बाद राज्य की राजनीति में बड़ा बदलाव हो सकता है। इसी क्रम में सहकारिता मंत्री के. एन. राजन्ना ने भी हाल ही में कहा था कि अगले कुछ महीनों में बड़ा राजनीतिक परिवर्तन हो सकता है।
2023 में हुआ था सत्ता-साझेदारी का समझौता?
कर्नाटक कांग्रेस में नेतृत्व परिवर्तन की चर्चा काफी समय से चल रही है, जिसका संबंध सिद्धारमैया और शिवकुमार के बीच कथित सत्ता-साझेदारी समझौते से जोड़ा जा रहा है। मई 2023 में विधानसभा चुनाव जीतने के बाद दोनों नेताओं में तीखी प्रतिस्पर्धा देखने को मिली थी। अंततः कांग्रेस हाईकमान ने शिवकुमार को उपमुख्यमंत्री पद स्वीकार करने के लिए राजी किया। उस समय रोटेशनल सीएम फॉर्मूले की बात सामने आई थी, जिसमें ढाई साल बाद शिवकुमार को मुख्यमंत्री बनाने की बात कही गई थी, हालांकि इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई थी।