जैसलमेर: शुक्रवार का दिन सैकड़ों पाक विस्थापित हिंदू परिवारों के लिए ऐतिहासिक और खुशियों से भरा रहा। जैसलमेर जिले के कलेक्ट्रेट स्थित डीआरडीओ भवन में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में 927 पाक विस्थापितों को भारतीय नागरिकता प्रमाण पत्र सौंपे गए। यह पहली बार हुआ है जब जैसलमेर में इतनी बड़ी संख्या में नागरिकता प्रदान की गई है। नागरिकता मिलने के बाद विस्थापितों के चेहरे पर खुशी और सुकून साफ झलक रहा था।
भारत जैसी खुशी और सुकून कहीं और नहीं
12 साल पहले पाकिस्तान से आई सबीरा ने बताया कि भारत में आने के बाद उन्हें हमेशा “पाकिस्तानी” कहकर पुकारा जाता था, लेकिन अब भारत की नागरिक बनकर वे खुद को सुरक्षित और सम्मानित महसूस कर रही हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में हर तरफ परेशानियां थीं, लेकिन भारत जैसी खुशी और सुकून कहीं और नहीं। इसी तरह नेतल नाम की महिला ने भी नागरिकता मिलने पर संतोष जताया और कहा कि अब उनके बच्चों की शिक्षा में कोई रुकावट नहीं होगी और वे सरकारी योजनाओं का भी लाभ उठा सकेंगे।

नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) लागू होने के बाद जैसलमेर में पहली बार 927 पाकिस्तानी विस्थापितों को भारतीय नागरिकता प्रदान की गई। यह ऐतिहासिक कार्यक्रम कलेक्ट्रेट स्थित डीआरडीओ भवन में आयोजित किया गया, जहां जिला प्रशासन और जनगणना विभाग के अधिकारियों की उपस्थिति में इन विस्थापितों को नागरिकता प्रमाण पत्र सौंपे गए।
CAA से आसान हुई नागरिकता प्रक्रिया
नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के तहत, 2014 से पहले पाकिस्तान में धार्मिक उत्पीड़न के कारण भारत आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को भारतीय नागरिकता दिए जाने का प्रावधान है। पहले इन विस्थापितों को नागरिकता प्राप्त करने के लिए 12 वर्षों तक भारत में निवास जैसी जटिल शर्तों का सामना करना पड़ता था। लेकिन CAA लागू होने के बाद यह प्रक्रिया सरल और तेज हो गई है। अब ऑनलाइन आवेदन की सुविधा भी उपलब्ध है, जिससे नागरिकता प्राप्त करना और सुगम हो गया है।
नागरिकता मिलने से विस्थापितों में खुशी की लहर
नागरिकता प्रमाण पत्र मिलने के बाद विस्थापित हिंदू परिवारों ने इसे अपने जीवन का सबसे बड़ा क्षण बताया। उन्होंने कहा कि भारतीय नागरिकता मिलने से उन्हें न केवल कानूनी सुरक्षा मिली है, बल्कि उनके बच्चों की शिक्षा और रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। इस कार्यक्रम में मौजूद विस्थापितों ने केंद्र सरकार को धन्यवाद देते हुए कहा कि यह उनके लिए सपने के सच होने जैसा है।
महत्वपूर्ण हस्तियों की उपस्थिति
कार्यक्रम में सीमांत लोक संगठन के हिन्दू सिंह सोढ़ा, जिला कलक्टर प्रताप सिंह और जनगणना विभाग के निदेशक विष्णु चरण मल्लिक उपस्थित रहे। उन्होंने इस ऐतिहासिक क्षण को विस्थापितों के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण बताया। कार्यक्रम के दौरान पाक विस्थापितों ने अपने पाकिस्तानी पासपोर्ट भी जमा किए, जिससे वे अब पूर्ण रूप से भारतीय नागरिक बन गए हैं।

“अब हम भारत में सुरक्षित महसूस कर रहे हैं”
सीमांत लोक संगठन के अध्यक्ष हिन्दू सिंह सोढ़ा ने कहा कि पाकिस्तान से आए हिंदू अब भारत में पूरी तरह सुरक्षित हैं। नागरिकता मिलने के बाद उनकी सामाजिक और कानूनी स्थिति मजबूत हो गई है और वे अब बेहतर भविष्य की ओर बढ़ सकते हैं। विस्थापितों ने कहा कि उन्हें अब परिवार की स्थिरता मिलेगी और वे अपने जीवन को बेहतर बनाने की दिशा में आगे बढ़ सकेंगे।
पश्चिमी राजस्थान में हजारों विस्थापितों को जरूरत
जोधपुर, जैसलमेर और आसपास के इलाकों में हजारों पाकिस्तानी विस्थापित हिंदू वर्षों से नागरिकता की प्रतीक्षा कर रहे थे। CAA लागू होने के बाद नागरिकता प्रक्रिया बेहद आसान हो गई है। पहले जहां नागरिकता के लिए लंबी कानूनी प्रक्रिया और भारी दस्तावेजी कार्यवाही करनी पड़ती थी, वहीं अब CAA के तहत यह प्रक्रिया तेजी से पूरी हो रही है।
इस ऐतिहासिक निर्णय से पश्चिमी राजस्थान में बसे विस्थापित परिवारों को मुख्यधारा में शामिल होने का अवसर मिला है, जिससे वे भारतीय समाज का अभिन्न अंग बन सकेंगे।