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Friday, October 18, 2024

गोलमाल है भाई सब गोलमाल है! लोगों को लूटने के लिए SBI की फर्जी ब्रांच खोल डाली, लाखों लेकर नियुक्तियां भी कर दीं, फिर ऐसे खुला राज

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देशभर में रोजाना ठगी के सैकड़ों मामले सामने आते हैं। ठगी की खबर सुर्खियों में रहती है। शातिर दिमाग का इस्तेमाल कर ठग लोगों को चूना लगाते हैं। लेकिन इस बार तो उन्होंने हद ही कर दी। उन्होंने देश के सबसे प्रसिद्ध बैंक एसबीआई की फर्जी शाखा खोल दी। वे यहीं रुके उन्होंने लाखों लेकर यहां लोगों की फर्जी नियुक्ति भी कर दी। हम सबने फर्जी सर्टिफिकेट, प्रमाण पत्र यहां तक की फर्जी अकाउंट भी देखे है पर क्या आपने कभी फर्जी बैंक शाखा के बारे में सुना हैं। ऐसा ही एक मामला सामने आया है, जिसने लोगों को हैरान कर दिया हैं। इस मामले को सुन हर किसी को अपने बैंक पर शक होगा कि क्या ये सच है या झूठ। आइए जानते है पूरा मामला।

जानें क्या है पूरा मामला?

दरअसल, यह मामला छत्तीसगढ़ के सक्ती जिले का है, जहां कुछ ठगों ने फर्जी बैंक शाखा खोल लोगों को लूटने की कोशिश की हैं। इस पूरे मामले में तीन आरोपियों के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई, फिलहाल यह तीनों आरोपी फरार हैं।

ऐसे खुली पोल

जानकारी के अनुसार, जब मनोज अग्रवाल नाम का एक व्यक्ति किस्योस्क शाखा खोलने उस फर्जी बैंक में गया था। जब उसने छपोरा गांव में SBI की शाखा देखी तो उसे शक हुआ कि यह बैंक फर्जी हैं। यकीन होने के बाद उसने तुरंत डभोरा ब्रांच को इस बात की जानकारी दी, जिसके बाद पुलिस ने मौके पर पहुंचकर इस फर्जीवाड़े की पुष्टि की।

कर्मचारियों को दिए थे नकली नियुक्ति पत्र

आगे की जांच में यह सच सामने आया कि इन ठगों ने कर्मचारियों को नकली नियुक्ति पत्र देकर ट्रेनिंग के नाम पर उनसे यह अपराध करवा रहे थे। मौके पर बैंक मेनेजर भी फरार हो चुका था। पुलिस ने हार्ड डिस्क और सभी सिस्टम को जब्त कर लिया हैं। इतना ही नहीं ठगों ने नौकरी का झांसा देकर कई लोगों से पैसे लिए हैं। जिनमें संगीता कवर नामक महिला से 2.50 लाख रूपए, परमेश्वर राठौर से 3 लाख रुपये, लक्ष्मी यादव से 2 लाख रूपए और पिंटू मरावी से 5.80 लाख रूपए की ठगी की गई हैं। पुलिस इस मामले में ठगों की तलाश कर रही हैं।

थेरेपी के लिए पैकेज बनाए
कानपुर के किदवई नगर में किराए पर रहने वाले ठगों का नाम राजीव दुबे और रश्मि दुबे बताया जा रहा है। दोनों ने लोगों को बताया कि इस थेरेपी में एक चैंबर में हफ्ते में 5 दिन बैठाकर ऑक्सीजन दी जाएगी। थेरेपी के लिए 6 से लेकर 90 हजार तक के पैकेज थे। सबसे महंगा पैकेज 90 हजार में 10 थेरेपी सेशन का रखा गया था। 

35 करोड़ रुपए लेकर विदेश भाग गए
दोनों ने 6 हजार रुपये में एक राउंड थैरेपी के चार्ज बताकर लोगों को जोड़ना शुरू किया। एक चेन सिस्टम बनाया, जिसमें और लोगों को जोड़ने पर फ्री में ट्रीटमेंट दिए जाने की स्कीम लोगों को बताई। इन पति-पत्नी ने बहुत से लोगों से पैसे लेकर यूं ही फर्जी तरीके से सेंटर में थेरेपी भी दी, लेकिन जवान होने में वक्त लगने और समय से थेरेपी होने की बात कहते रहे। कपल ने लोगों से कुल 35 करोड़ रुपए जमा किए और फिर रातों-रात घर खाली कर फरार हो गए। इस मामले में 15 लोगों ने शिकायत दर्ज कराई है।

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