सीरवी समाज ट्रस्ट, कनकपुर रोड, जरगनहल्ली आईमाता वडेर में भागवत कथा के दूसरे दिन शुक्रवार को कथा वाचक मनोज सीरवी ने गजेंद्र मोक्ष का प्रसंग सुनाया।
उन्होंने कहा कि जब भक्तों के जीवन में संकट आता है तो ईश्वर तारणहार बनकर मदद करने पहुंच जाते हैं। उन्होंने बताया कि संकट की घड़ी में जब कोई भी स्वजन साथ नहीं देते हैं तब भक्त की पुकार केवल भगवान ही सुनते हैं। इसलिए ईश्वर का आश्रय ग्रहण करने वाले जीव का परमात्मा ही अपना और सगा हैं। उन्होंने कहा कि अपना कल्याण चाहने वाले को परमात्मा के शरणागत बनकर रहना चाहिए।
कथा के दौरान महिलाएं भाव विभोर होकर झूमती रही। कथा के बाद महिलाओं के लिए गरबा नृत्य का आयोजन हुआ। मुय अतिथि के रूप में हरीश मुलेवा, दुर्गाराम, बुधाराम सीरवी का समान किया गया। इस मौके पर संस्था के सरंक्षक भेराराम हाबड़, अध्यक्ष जगदीश चंद्र काग, सचिव हरजीराम बर्फा आदि मौजूद रहे।