जालोर। जिले में पेपर लीक और नकल से जुड़े मामलों में संलिप्त पाए गए पांच शिक्षकों को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। प्रारंभिक शिक्षा के जिला शिक्षा अधिकारी मुनेश कुमार मीणा ने यह कार्रवाई आरोप सिद्ध होने के बाद की।
बर्खास्त किए गए शिक्षकों में खिरोड़ी करावडी निवासी गणपतराम पुत्र मालाराम विश्नोई, हाल निलंबित अध्यापक, राजकीय प्राथमिक विद्यालय वाल्मीकि नगर सांचौर को कनिष्ठ अभियंता परीक्षा 2020 के पेपर लीक प्रकरण में एसओजी द्वारा वांछित पाया गया था। इन्हें 22 मार्च 2025 को निलंबित किया गया था और डीईओ कार्यालय में उपस्थिति के निर्देश दिए गए थे, लेकिन 1 मई 2025 तक अनुपस्थित रहने पर, सेवा से बर्खास्त कर दिया गया। इनकी सेवा समाप्ति की तिथि 11 सितंबर 2013 से प्रभावी मानी गई।
सुनील कुमार बेनीवाल पुत्र धीमाराम विश्नोई, निवासी हालीवाव, हाल निलंबित तृतीय श्रेणी अध्यापक, राजकीय प्राथमिक विद्यालय बाटों का गोलिया विरावा को विभिन्न परीक्षाओं — उप निरीक्षक भर्ती 2012, कनिष्ठ लेखाकार 2013, वरिष्ठ अध्यापक भर्ती 2016 — में ब्लूटूथ डिवाइस के ज़रिए नकल और पेपर आउट करने के आरोप प्रमाणित होने पर 19 नवंबर 2012 से सेवा से हटाया गया।
अरविंद कुमार पुत्र जेठाराम विश्नोई, निवासी डीगांव, हाल तृतीय श्रेणी अध्यापक लेवल प्रथम, राजकीय प्राथमिक विद्यालय देवला नाडी वालेरा ने वर्ष 2023 की तृतीय श्रेणी भर्ती परीक्षा में अपने स्थान पर डमी अभ्यर्थी बैठाया था। एसओजी द्वारा गिरफ्तारी और आरोप प्रमाणित होने पर, 30 सितंबर 2023 से सेवा समाप्त की गई।
दलपतसिंह पुत्र भारमल विश्नोई, निवासी वाडा भाडवी, हाल निलंबित अध्यापक, राजकीय प्राथमिक विद्यालय चांदाजी का धोरा वाडा भाडवी, पर प्राध्यापक हिंदी स्कूली शिक्षा प्रतियोगी परीक्षा 2022 में अपनी बहन के लिए फर्जी एमए हिंदी डिग्री दिलवाने में संलिप्तता पाए जाने पर कार्रवाई की गई। आरोप सिद्ध होने पर, 20 जुलाई 2019 से उनकी सेवा समाप्त की गई।
राजीव विश्नोई पुत्र भगवानाराम, निवासी सरनाऊ, हाल निलंबित अध्यापक, राजकीय प्राथमिक विद्यालय पालड़ी देवड़ान पर उप निरीक्षक भर्ती परीक्षा 2021 में पेपर लीक गिरोह के साथ मिलकर पेपर हल करवाने तथा अन्य परीक्षाओं में संलिप्तता के आरोप सिद्ध हुए। उन्हें 24 दिसंबर 2018 से सेवा से हटा दिया गया।
अधिकारी का कहना
जिला शिक्षा अधिकारी मुनेश कुमार मीणा के अनुसार, पेपर लीक, नकल, डमी अभ्यर्थी, फर्जी डिग्री और कूटरचित दस्तावेज जैसे मामलों में इन पांच शिक्षकों की संलिप्तता पाई गई। अनुसंधान में आरोप प्रमाणित होने पर इनकी सेवा समाप्त की गई है।