झांसी: झांसी के मेडिकल कॉलेज में शुक्रवार देर रात एक दर्दनाक हादसा हो गया। एनआईसीसीयू (नवजात गहन चिकित्सा इकाई) वार्ड में भीषण आग लगने से 10 नवजात बच्चों की झुलकर मौत हो गई। महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के नवजात शिशु गहन चिकित्सा कक्ष (NICU) में शुक्रवार रात लगी भीषण आग ने पूरे क्षेत्र को शोक में डाल दिया। इस दर्दनाक घटना में 10 नवजात शिशुओं की मौत हो गई और जबकि 45 बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाला गया। इस संकट के दौरान कृपाल नाम के व्यक्ति ने असाधारण साहस का परिचय देते हुए 20 नवजात शिशुओं की जान बचाई।
कैसे हुआ झांसी अग्निकांड
यह घटना शुक्रवार रात करीब 10:45 बजे हुई। जब NICU से धुआं निकलते देखा गया। आग की लपटों ने तेजी से पूरे वार्ड को घेर लिया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर में आग लगने से यह हादसा हुआ। दमकल की गाड़ियां मौके पर पहुंचीं, लेकिन तब तक काफी नुकसान हो चुका था। अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही के गंभीर आरोप लग रहे हैं। हादसे के समय न तो कोई अग्निशमन उपकरण प्रभावी रूप से काम कर रहे थे और ना ही बचाव दल को वार्ड तक पहुंचने में मदद मिली।
पीएम मोदी और सीएम योगी ने जताया शोक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घटना पर गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा, “यह घटना हृदय विदारक है। जिन परिवारों ने अपने मासूमों को खोया है, उनके प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं हैं।” उन्होंने मृतक बच्चों के परिजनों को 2-2 लाख और घायलों को 50-50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। वहीं, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना का संज्ञान लेते हुए तुरंत उप-मुख्यमंत्री बृजेश पाठक और प्रमुख सचिव स्वास्थ्य को झांसी भेजा। सीएम ने घटना की जांच के लिए दो समितियां गठित की हैं। बृजेश पाठक ने घटनास्थल पर पहुंचकर परिजनों से मुलाकात की और उन्हें 5 लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा की। घायलों को 50 हजार रुपये की सहायता दी जाएगी।
योगी आदित्यनाथ ने 12 घंटे में मांगी रिपोर्ट
मुख्यमंत्री ने जांच रिपोर्ट 12 घंटे के भीतर प्रस्तुत करने का आदेश दिया है। अगर किसी भी स्तर पर लापरवाही पाई जाती है तो जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। वहीं, घटनास्थल पर परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। माता-पिता अपने बच्चों को खोने के गम और प्रशासन की लापरवाही पर गुस्सा जाहिर कर रहे हैं। इस हादसे ने न केवल झांसी बल्कि पूरे राज्य को झकझोर कर रख दिया है।