पिंकी मीणा और पुष्कर मित्तल पर फिर बढ़ीं मुश्किलें
जयपुर: राजस्थान में भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई करते हुए भजनलाल शर्मा सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने 24 अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति दे दी है। ये सभी अधिकारी भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) द्वारा रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़े गए थे। इनमें हाई-प्रोफाइल घूसकांड में फंसी पूर्व एसडीएम पिंकी मीणा और तत्कालीन आरएएस अधिकारी पुष्कर मित्तल भी शामिल हैं। अब इन दोनों के खिलाफ 4 साल बाद कानूनी कार्रवाई का रास्ता साफ हो गया है।
चार साल से लटके थे मामले
इन अफसरों में सुशील कुमार सिंह, नवीन माहूर, अख्तर हुसैन सहित 20 अन्य अधिकारी शामिल हैं। इन सभी के खिलाफ एसीबी पहले ही चार्जशीट दाखिल कर चुकी है, लेकिन सरकार से अभियोजन स्वीकृति नहीं मिलने के कारण कानूनी प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकी थी।
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे घोटाला फिर चर्चा में
साल 2021 में दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे निर्माण से जुड़ा एक बड़ा घोटाला सामने आया था। इस मामले में एसीबी ने करोड़ों रुपये की रिश्वत डील का पर्दाफाश करते हुए तत्कालीन आरएएस अधिकारी पिंकी मीणा और इंजीनियर पुष्कर मित्तल को रंगे हाथों गिरफ्तार किया था। जांच पूरी होने के बाद एसीबी ने कोर्ट में चालान पेश किया था, लेकिन सरकार की मंजूरी न मिलने के कारण केस आगे नहीं बढ़ सका था। अब अभियोजन की मंजूरी मिलने के बाद यह मामला फिर सुर्खियों में है।
शादी से पहले हुई थी गिरफ्तारी
आईएएस बनने का सपना देखने वाली पिंकी मीणा की गिरफ्तारी ने उस वक्त राज्यभर में सनसनी मचा दी थी। बताया जाता है कि रिश्वत लेते वक्त उनकी गिरफ्तारी उनकी शादी से कुछ दिन पहले हुई थी। इसी केस में इंजीनियर पुष्कर मित्तल की भी गिरफ्तारी हुई थी, जिनपर ठेकेदारों से मोटी घूस मांगने के आरोप हैं। एसीबी की जांच में उनकी संलिप्तता सामने आई थी।
निर्मला मीणा पर भी केस, कटारा को राहत
राज्य सरकार ने आरएएस से आईएएस बनीं निर्मला मीणा के खिलाफ भी अभियोजन की अनुमति दी है। उनपर जोधपुर में पदस्थ रहते हुए राजस्व पट्टों में गड़बड़ी करने का आरोप है। रिटायरमेंट के बाद भी अब उनके खिलाफ मुकदमा चलेगा। दूसरी ओर, आरपीएससी पेपर लीक केस में आरोपी रहे निलंबित सदस्य बाबूलाल कटारा को सरकार ने राहत दी है। उनके खिलाफ अभियोजन की अनुमति नहीं दी गई है, जिससे केस पर फिलहाल रोक लग गई है।