कांग्रेस पार्टी के नेता राहुल गांधी आज एक बार फिर हाथरस पहुंचे। बता दें कि यहां हाथरस के पीड़ित परिवार से राहुल गांधी ने फिर से मुलाकात की। इसे लेकर राहुल गांधी ने एक्स पर बयान दिया। उन्होंने एक्स पर लिखा, “आज हाथरस जाकर 4 साल पहले हुई शर्मनाक और दुर्भाग्यपूर्ण घटना के पीड़ित परिवार से मिला। मुलाक़ात के दौरान उन्होंने जो बातें बताई उसने मुझे झकझोर कर रख दिया। पूरा परिवार आज भी डर के साए में जी रहा है। उनके साथ क्रिमिनल्स के जैसा व्यवहार किया जा रहा है। वे स्वतंत्र रूप से कहीं आ-जा नहीं सकते हैं – उन्हें हर समय बंदूक और कैमरों की निगरानी में रखा जाता है।
राहुल गांधी ने एक्स पर लिखा, ‘आज हाथरस जाकर 4 साल पहले हुई शर्मनाक और दुर्भाग्यपूर्ण घटना के पीड़ित परिवार से मिला। मुलाक़ात के दौरान उन्होंने जो बातें बताई उसने मुझे झकझोर कर रख दिया। गांधी ने कहा कि पूरा परिवार आज भी डर के साए में जी रहा है। उनके साथ क्रिमिनल्स के जैसा व्यवहार किया जा रहा है। वे स्वतंत्र रूप से कहीं आ-जा नहीं सकते हैं – उन्हें हर समय बंदूक और कैमरों की निगरानी में रखा जाता है।’
भाजपा सरकार पर हमलावर होते हुए राहुल गांधी ने कहा कि भाजपा सरकार ने उनसे जो वादे किए थे, वे आज तक पूरे नहीं हुए हैं। न तो सरकारी नौकरी दी गई है और न ही उन्हें किसी दूसरी जगह घर देकर शिफ्ट करने का वादा पूरा किया गया है। पीड़ित परिवार को न्याय देने के बजाय, सरकार उन पर तरह-तरह से अत्याचार कर रही है। दूसरी तरफ़ आरोपी खुलेआम घूम रहे हैं।
राहुल गांधी ने आगे कहा कि इस परिवार की हताशा और निराशा भाजपा द्वारा दलितों के ऊपर किए जा रहे अत्याचार की सच्चाई को दिखाते हैं। लेकिन हम इस परिवार को यूं ही इनके हाल पर रहने को मजबूर नहीं होने देंगे। इन्हें न्याय दिलाने के लिए हम पूरी ताक़त के साथ लड़ेंगे।
बता दें, हाथरस पीड़ित परिवार ने राहुल गांधी को पत्र लिखकर दावा किया था कि यूपी सरकार द्वारा किए गए वादे आज तक पूरे नहीं किए गए हैं। ये पत्र राहुल गांधी के नाम दो जुलाई को लिखा गया था। इसके बाद राहुल ने परिवार से मिलने का फैसला किया क्योंकि परिवार ने उनसे मदद मांगी थी।
पीड़िता के परिवार ने राहुल गांधी को लिखे पत्र में कहा था कि सरकार ने किए हुए वादे पूरे नहीं किए। न घर मिला और न ही नौकरी दी गई। चार साल से हम जेल जैसी स्थिति में रह रहे हैं। घर के चारों तरफ पुलिस बैठी है, कहीं जाते हैं तो पुलिस जाती है। पुलिस नौकरी नहीं करने दे रही। अपराधी खुले में घूम रहे हैं, लेकिन हम घर में चार साल से जेल जैसी स्तिथि में रह रहे हैं।
हाथरस कांड क्या है?
14 सितंबर 2020 को हाथरस के बूलगढ़ी गांव में 19 साल की एक दलित युवती घायल अवस्था में मिली थी। पीड़िता अपनी मां और भाई के साथ स्थानीय चंदपा थाने पहुंचती है, थाने में पीड़िता के भाई ने आरोप लगाया कि गांव के संदीप ने उसकी बहन के साथ गलत काम किया है। बिगड़ती हालत देख पीड़िता सीएचसी ले जाया गया, जहां से उसे अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के जेएन मेडिकल कॉलेज रेफर किया जाता है।
घटना के अगले दिन 15 सितंबर को रिपोर्टदर्ज करवाई गई, जिसमें लिखा गया कि पीड़िता अपनी मां के साथ चारा काटने गई थी, तभी गांव के युवक संदीप ने आकर उसे घसीटा और गला दबाकर उसकी हत्या की कोशिश की है। पुलिस ने भी इसे पारिवारिक विवाद बताया और दावा किया कि जल्द आरोपी की गिरफ्तारी की जाएगी। मामला तब तूल पकड़ा, जब घटना के 5 दिन बाद 19 सितंबर को पीड़िता ने बयान दिया कि संदीप के साथ दो अन्य लड़के और थे, उसके साथ छेड़छाड़ भी की गई और जबान काट दी गई।