चंडीगढ़: पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। अब कर्नल पुष्पिंदर सिंह बाठ से जुड़ा मारपीट केस सीबीआई को सौंपा जाएगा। पहले यह जांच चंडीगढ़ पुलिस के पास थी, लेकिन कोर्ट ने इसे असंतोषजनक बताया।
कर्नल बाठ की पत्नी ने अदालत के फैसले को राहत देने वाला बताया। उन्होंने उम्मीद जताई कि अब पूरी सच्चाई सामने आएगी।
पुलिस जांच में गंभीर लापरवाही
कोर्ट ने कहा कि चंडीगढ़ पुलिस निष्पक्ष जांच नहीं कर पाई। जांच पूरी करने के लिए अगस्त तक का समय दिया गया था, लेकिन कोई गिरफ्तारी नहीं हुई।
पार्किंग विवाद से शुरू हुआ मामला
13-14 मार्च की रात कर्नल बाठ अपने बेटे के साथ पटियाला के हरबंस ढाबा पहुंचे थे। पार्किंग को लेकर पुलिस से बहस हुई। आरोप है कि पुलिस ने दोनों के साथ मारपीट की। इस घटना में पिता-पुत्र घायल हो गए।

रक्षा मंत्रालय से लेकर कोर्ट तक पहुंचा मामला
पुलिस ने पहले कोई कार्रवाई नहीं की। लेकिन जब मामला रक्षा मंत्रालय और सेना हेडक्वार्टर तक पहुंचा, तब FIR दर्ज हुई। 12 पुलिसकर्मी सस्पेंड किए गए, जिनमें 5 इंस्पेक्टर शामिल हैं।
कोर्ट में उठी निष्पक्ष जांच की मांग
बाठ परिवार ने सीबीआई जांच की मांग की थी। उनका कहना था कि जब पुलिस खुद आरोपी है, तो वो निष्पक्ष जांच नहीं कर सकती। अब हाईकोर्ट ने यह मांग मान ली है।