Rajasthan Caste census orders News: राजस्थान में कांग्रेस की गहलोत सरकार रिपीट करने के लिए वो हर कोशिश कर रही है जिससे सत्ता अपने हाथ में आए| इसी कोशिश में राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने जातीय जनगणना (Caste Baved Survey) कराने का ऐलान करने के बाद आदेश जारी कर दिए| ये गहलोत सरकार का अब तक का सबसे बड़ा मास्टर स्ट्रोक है| राजस्थान में जातीय जनगणना का आधार बनाकर भाजपा से दो दो हाथ करने को तैयार है|
देश के 5 राज्यों में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं| जिसको लेकर सभी राजनीतिक दल अपना-अपना पासा फेंक रहे हैं| जिससे सत्ता की कुर्सी तक पहुंचा जा सके| इसी बीच अशोक गहलोत ने बिहार की तर्ज पर राज्य में जातीय गणना कराने का फैसला किया है| इसको लेकर सरकार ने अधिसूचना भी जारी कर दी है| अधिसूचना जारी करते हुए राजस्थान की सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग ने कहा कि जाति जनगणना के सर्वेक्षण को राज्य मंत्रिमंडल द्वारा सहमति मिल गई है|
विशेष योजनाएं चलाकर लोगों का आर्थिक उत्थान किया जाएगा
राज्य में जाति जनगणना सर्वे के आधार पर विशेष योजनाएं चलाकर लोगों का आर्थिक उत्थान किया जाएगा| जिससे उनके जीवन में सुधार लाया जा सके| सरकार की तरफ से जारी की गई अधिसूचना में कहा गया है कि राज्य सरकार अपने संसाधनों के जरिए जाति आधारित सर्वे कराएगी| प्रदेश के सभी नागरिकों के जाति आधारित सर्वेक्षण से आर्थिक, शैक्षिक स्तर के संबंध में जानकारी और आंकड़े जुटाए जाएंगे| सर्वे का कार्य
जिला कलेक्टर को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया
जिला कलेक्टर के नेतृत्व में होगा सर्वेक्षण आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग कराएगा| इसके लिए आयोजना विभाग नोडल विभाग के रूप में कार्य करेगा| जाति आधारित सर्वेक्षण के लिए जिला स्तर पर जिला कलेक्टर को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है जो इस कार्य की निगरानी करेंगे|
बिहार सरकार ने जारी किया आंकड़ा
बता दें कि बिहार सरकार ने जातीय जनगणना का डेटा जारी किया कर दिया है| जिसको लेकर पूरे देश की सियासत गरमाई हुई है| बिहार से लेकर उत्तर, प्रदेश और दक्षिण भारत के राज्यों में भी जातीय गणना की मांग जोर-शोर से उठ रही है| विपक्ष जहां जातीय गणना को लेकर मोर्चा खोल रखा है, वहीं बीजेपी अब बिहार में आर्थिक सर्वे का डेटा जारी करने की बात कर रही है| बिहार में जारी किए गए जातीय गणना के आंकड़े के बाद तमाम तरह के कयास लगाए जा रहे हैं| माना जा रहा है कि इसका असर पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव और उसके बाद 2024 में लोकसभा चुनाव में भी दिखाई देगा| बिहार में जातीय गणना कराए जाने के विरोध में बीजेपी लगातार नीतीश कुमार की सरकार पर हमलावर हो रही थी| उसका कहना है कि नीतीश सरकार लोगों को बांटने का काम कर रहे हैं|