बेंगलूरु। प्रजापति समाज सेवा संघ, पश्चिम लग्गेरे के तत्वावधान में आयोजित नवनिर्मित मंशापूर्ण श्री यादव माता मंदिर के सात दिवसीय प्राण-प्रतिष्ठा महोत्सव के तहत सोमवार को मंत्रोच्चार और जयकारों के बीच प्रतिमाओं की प्राण-प्रतिष्ठा की गई।
मूर्ति स्थापना और पूजा-अर्चना
पुष्कर से आए पंडित जगदीश प्रसाद, पंडित धरणीधर शास्त्री, पंडित इंदु शेखर शास्त्री और पंडित दिनेश उपाध्याय के नेतृत्व में श्री यादव माता की मूर्ति, अमर ध्वजा, कलश (ईण्डा) और सभी देवी-देवताओं की पूजा अर्चना की गई। इसके बाद मूर्तियों की स्थापना की गई।
नवचंडी पंचकुंडीय महायज्ञ हवन
नवचंडी पंचकुंडीय महायज्ञ हवन में मुख्य यजमान ने आहुति दी। गाजे-बाजे की धुन पर पुष्प वर्षा करते हुए श्रद्धालुओं ने श्री यादव माता के जयकारे लगाए। महिलाओं ने मंगल गीत गाए और नृत्य प्रस्तुत किया।

मूर्ति प्रतिष्ठा में संतों का आशीर्वाद
संत हुक्म भारती, संत किशनगिरी, साध्वी बहुला गोपाल सरस्वती, संत सुरेंद्र दास और कदरी मठ के संत निर्मल नाथ के सानिध्य में पंडितों ने सर्वप्रथम सभी देवी-देवताओं की पूजा करवाई। लाभार्थी परिवार ने मूर्तियों को अभिजीत मुहूर्त में विराजमान किया।
मुख्य चढ़ावे के लाभार्थी
मुख्य चढ़ावे में अमर ध्वजा के लाभार्थी डायाराम बेरा, कलश (ईण्डा) के लाभार्थी अशोक कुमार हाटवा, लाभार्थी परिवार घीसूलाल ब्रांद्रणा, श्री यादव माता के लाभार्थी कानाराम मुलेरा, भेरुजी के लाभार्थी भूपेंद्र कुमार और नरेश कुमार भदेरा ने चढ़ावे का योगदान दिया। महिला मंडल ने शीतला माता का चढ़ावा लिया।

समाज के पदाधिकारियों को सम्मान
इस कार्यक्रम में राजस्थान और बेंगलूरु सहित राज्य के अन्य हिस्सों से आए समाज की संस्थाओं से पदाधिकारियों को सम्मानित किया गया।

भजन संध्या और सांस्कृतिक कार्यक्रम
भजन संध्या की शुरुआत चेतन प्रजापति, टीना प्रजापति और रमेश सेन ने गणपति वंदना से की। गायिका सोनू कंवर के भजनों पर महिलाओं और पुरुषों ने भाव विभोर होकर नृत्य प्रस्तुत किया। मंच संचालन शैतान सिंह राजपुरोहित और मोहनलाल सीरवी ने किया। महिला मंडल और नवयुवक मंडल का सहयोग रहा।