हैदराबाद: तेलंगाना में कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी के नेतृत्व में काम कर रही है। विधानसभा के अंदर और बाहर AIMIM पार्टी के नेताओं के साथ उनकी नजदीकियां देखी जा रही हैं। यह कई लोगों के लिए चौंकाने वाला है, क्योंकि विधानसभा चुनाव में AIMIM ने केसीआर की पार्टी BRS के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ा था। चुनाव के दौरान AIMIM ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा था, लेकिन अब यह राजनीतिक कड़वाहट खत्म होती नजर आ रही है।

अकबरुद्दीन ओवैसी ने मंदिर के लिए मांगा फंड
AIMIM के विधायक अकबरुद्दीन ओवैसी, जो अपने आक्रामक बयानों और हिंदू विरोधी छवि के लिए जाने जाते हैं, इस बार मंदिर निर्माण की वकालत कर रहे हैं। तेलंगाना विधानसभा की कार्यवाही के दौरान उनका एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वे लाल दरवाजा मंदिर के लिए फंड की मांग कर रहे हैं।
अकबरुद्दीन ओवैसी ने कहा—
“सर, लाल दरवाजे के लिए, इतनी बड़ी मंदिर है… अफजल मार्केट के लोगों को अल्टरनेट लैंड देकर लाल दरवाजा मंदिर को बड़ा बना सकते हैं। जो हिंदू धर्म के रक्षक बनने का दावा करते हैं, उन्होंने इस मंदिर के लिए कभी बात तक नहीं की।”
उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि—
“कैसा इत्तेफाक है, मंदिर का काम भगवान इस मुसलमान से ले रहा है!”
CM रेवंत रेड्डी ने की 20 करोड़ रुपये देने की घोषणा
अकबरुद्दीन ओवैसी की इस मांग पर मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने तुरंत 20 करोड़ रुपये देने का ऐलान कर दिया। उन्होंने कहा कि—
“मैं लाल दरवाजा मंदिर के विकास के लिए स्पेशल डेवलपमेंट फंड से 20 करोड़ रुपये देने का आदेश देता हूं। आज ही सीएम निधि से कमेटी को फंड जारी करने का निर्देश दिया जाएगा। यह मंदिर ऐतिहासिक धरोहर है, और हम इसे संरक्षित रखना चाहते हैं।”
क्या है लाल दरवाजा मंदिर का इतिहास?
लाल दरवाजा मंदिर का निर्माण 1907 में हुआ था। निजाम शासन के समय, यह मंदिर उपनगर के प्रवेश द्वार पर बने एक बड़े लाल दरवाजे के कारण प्रसिद्ध हुआ। महाराजा किशन प्रसाद, जो उस समय निजाम सरकार के प्रधानमंत्री थे, उन्होंने यहां से बोनालू उत्सव की शुरुआत की थी।
अब जब अकबरुद्दीन ओवैसी खुद इस मंदिर के लिए फंड की मांग कर रहे हैं और कांग्रेस सरकार इसे मंजूर भी कर रही है, तो इसे राजनीतिक बदलाव के तौर पर भी देखा जा रहा है।