📍 आगरा : उत्तर प्रदेश के आगरा जिले के खेरागढ़ क्षेत्र में गुरुवार को मूर्ति विसर्जन के दौरान 13 लोग उटंगन नदी में डूब गए। घटना कुसियापुरा गांव के पास हुई, जहां दो दर्जन से अधिक युवक और किशोर देवी प्रतिमा विसर्जन के लिए नदी में गए थे। इनमें से विष्णु नामक एक युवक को बचा लिया गया, जबकि तीन युवकों गगन, ओमपाल और मनोज के शव गुरुवार देर शाम तक निकाल लिए गए। शुक्रवार को एनडीआरएफ और सेना की टीमों ने बचाव कार्य में तेजी लाकर भगवती (22) पुत्र मुरारीलाल और दीपक (17) पुत्र सुक्खन सिंह के शव बरामद किए। अब तक मृतकों की संख्या पांच हो गई है और सात लोग अभी भी लापता हैं।
बचाव कार्य में देरी पर ग्रामीणों का गुस्सा
गांववासियों ने बचाव कार्य में देरी का आरोप लगाया। शुक्रवार सुबह गुस्साए ग्रामीणों ने ऊंटगिरि और कागारौल चौराहे पर जाम लगा दिया। इस दौरान मौके पर पहुंचे एसडीएम खेरागढ़ की गाड़ी पर पथराव किया गया, जिससे उनकी गाड़ी का शीशा टूट गया। पुलिस ने बड़ी मुश्किल से स्थिति को काबू किया।
सांसद राजकुमार चाहर का सामना आक्रोश से
फतेहपुरसीकरी के सांसद राजकुमार चाहर को भी ग्रामीणों के आक्रोश का सामना करना पड़ा। ग्रामीणों ने उन्हें नाराजगी जताई और बचाव कार्य में हुई देरी पर सवाल उठाए। अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रित किया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जताया दुख
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया। उन्होंने शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना जताते हुए सभी लापता व्यक्तियों को खोजने के निर्देश अधिकारियों को दिए।
घटना का विवरण
खेरागढ़ क्षेत्र के कुसियापुरा गांव में दोपहर के समय प्रतिमा विसर्जन के लिए लगभग 25 युवक और किशोर नदी में उतरे थे। घटना स्थल नदी के ढाई किलोमीटर दूर था। नदी में प्रवेश करने के बाद अचानक 13 लोग डूब गए। स्थानीय लोगों ने तुरंत बचाव प्रयास शुरू किए, लेकिन पर्याप्त संसाधनों की कमी और प्रशिक्षित बचाव दल के विलंब के कारण कई लोग डूब गए।
बचाव कार्य में शामिल एजेंसियां
घटना के तुरंत बाद स्थानीय पुलिस और फायर विभाग की टीम मौके पर पहुंची। शुक्रवार को एनडीआरएफ की टीम और सेना को बुलाकर बचाव कार्य में तेजी लाई गई। अधिकारियों ने बताया कि नदी की धार तेज थी और कई लापता युवकों का पता लगाने के लिए रॉड, बोट और ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है।
सामाजिक प्रतिक्रिया और जागरूकता
घटना ने स्थानीय समाज में सुरक्षा और आपदा प्रबंधन की जरूरत पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि मूर्ति विसर्जन जैसी धार्मिक गतिविधियों में उचित सुरक्षा इंतजाम और प्रशिक्षित बचाव दल की व्यवस्था जरूरी है। सामाजिक जागरूकता और नदी सुरक्षा पर अभियान शुरू किए जाने की आवश्यकता बताई जा रही है।
प्रशासनिक कदम और आगे की योजना
स्थानीय प्रशासन ने राहत और बचाव कार्य को तेज करने के निर्देश दिए हैं। लापता लोगों के परिवारों को हरसंभव सहायता देने का वादा किया गया है। प्रशासन ने आगाह किया है कि नदी में जाने से पहले सुरक्षा उपकरण और प्रशिक्षित गाइड के साथ ही प्रवेश किया जाए।