दिल्ली: सोमवार को केंद्र सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए पेट्रोल और डीजल पर लगने वाली एक्साइज ड्यूटी में 2 रुपये की बढ़ोतरी कर दी है। वित्त मंत्रालय के रेवेन्यू डिपार्टमेंट की ओर से जारी नोटिफिकेशन के अनुसार यह नया बदलाव 8 अप्रैल, 2025 से प्रभावी होगा। हालांकि, सरकार ने साफ किया है कि इसका असर आम उपभोक्ताओं पर नहीं पड़ेगा।
खुदरा कीमतें यथावत रहेंगी
पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने पब्लिक सेक्टर की ऑयल मार्केटिंग कंपनियों (ओएमसी) को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि खुदरा कीमतों में कोई बढ़ोतरी नहीं की जाए। यानी ग्राहक को पेट्रोल-डीजल खरीदने के लिए अब भी पहले जितना ही भुगतान करना होगा।
पिछले वर्षों की ड्यूटी दरें और बदलाव
अगर पिछली दरों पर नजर डालें तो वर्तमान में पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी 19.90 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर लगभग 15.80 रुपये प्रति लीटर है। 2014 में यही दरें पेट्रोल पर 9.48 रुपये और डीजल पर 3.56 रुपये थीं। समय के साथ इनमें कई बार वृद्धि हुई। 2021 में ये दरें क्रमशः 27.90 और 21.80 रुपये प्रति लीटर तक पहुंच गई थीं। हालांकि मई 2022 में सरकार ने कुछ राहत देते हुए पेट्रोल पर 8 रुपये और डीजल पर 6 रुपये की कटौती की थी।
पेट्रोल-डीजल की वास्तविक लागत और कर संरचना
भारत में पेट्रोल-डीजल का बेस प्राइस लगभग 32 रुपये प्रति लीटर होता है। इस पर केंद्र सरकार करीब 33 रुपये एक्साइज ड्यूटी वसूलती है। इसके अलावा राज्य सरकारें भी अपने स्तर पर वैट और सेस लगाती हैं, जिससे कीमतें तीन गुना तक बढ़ जाती हैं।
वर्तमान पेट्रोल और डीजल की दरें शहरवार
देश के प्रमुख शहरों में सोमवार को पेट्रोल-डीजल की कीमतें कुछ इस प्रकार रहीं दिल्ली: पेट्रोल ₹94.72, डीजल ₹87.62 प्रति लीटर मुंबई: पेट्रोल ₹104.21, डीजल ₹92.15 प्रति लीटर कोलकाता: पेट्रोल ₹103.94, डीजल ₹90.76 प्रति लीटर चेन्नई: पेट्रोल ₹100.75, डीजल ₹92.34 प्रति लीटर

सरकार का स्पष्ट रुख
केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने स्पष्ट किया है कि पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में 2 रुपये की जो वृद्धि की गई है, उसका कोई सीधा असर उपभोक्ताओं पर नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा, “हमने यह फैसला वित्तीय संतुलन को ध्यान में रखते हुए लिया है, लेकिन जनता पर इसका बोझ नहीं डाला जाएगा।”