पाली: महाराष्ट्र में उत्तर भारतीयों के साथ हो रही मारपीट, भेदभाव और भाषाई दुर्व्यवहार की घटनाओं के खिलाफ अखिल भारतीय सीरवी समाज के लोगों ने राष्ट्रपति के नाम जिला कलेक्टर आनंद मंत्री को ज्ञापन सौंपा। समाज ने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
मुंबई-पुणे में मारवाड़ी व्यापारियों से भेदभाव
अखिल भारतीय सीरवी समाज के सुरेश चौधरी ने बताया कि हाल के दिनों में महाराष्ट्र के मुंबई, पुणे और अन्य शहरी क्षेत्रों में उत्तर भारत विशेषकर राजस्थान से गए मारवाड़ी व्यापारियों और कामगारों के साथ लगातार मारपीट, दुर्व्यवहार और भेदभाव की घटनाएं सामने आ रही हैं।

हिंदी बोलने वालों को बनाया जा रहा निशाना
ज्ञापन में बताया गया कि कुछ भाषाई आधार पर राजनीति करने वाले दलों के कार्यकर्ता केवल इस कारण उत्तर भारतीयों को निशाना बना रहे हैं क्योंकि वे मराठी के बजाय हिंदी बोलते हैं। जबकि उत्तर भारतीय लोग वहां की भाषा, संस्कृति और कार्यशैली का सम्मान करते हुए स्थानीय जीवनशैली में समायोजन कर रहे हैं।

संविधान के खिलाफ है ऐसी घटनाएं
ज्ञापन में यह भी कहा गया कि भारत के संविधान में प्रत्येक नागरिक को अपनी भाषा बोलने की स्वतंत्रता दी गई है। किसी को भी किसी विशेष भाषा के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता। ऐसी घटनाएं देश की एकता, समानता और विविधता की भावना के खिलाफ हैं।

सीरवी समाज ने की सख्त कार्रवाई की मांग
सुरेश चौधरी ने राष्ट्रपति से मांग की कि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों, इसके लिए कठोर कानूनी कार्रवाई की जाए और आरोपियों को तत्काल गिरफ्तार किया जाए। समाज ने चेतावनी दी कि यदि शीघ्र कार्रवाई नहीं हुई तो विरोध प्रदर्शन को और व्यापक रूप दिया जाएगा।
