रांची। भारत में करोड़पतियों और अमीरों की संख्या तो तेजी से बढ़ रही है, लेकिन इसके साथ ही उनमें से कई देश छोड़ने का मन भी बना रहे हैं। एक नई रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2025 में करीब 3500 करोड़पति भारत छोड़कर विदेशों में बसने जा रहे हैं। इन धनकुबेरों का पलायन सिर्फ संख्या में नहीं, बल्कि आर्थिक संपदा के लिहाज से भी चिंता का विषय बनता जा रहा है।
हेनले रिपोर्ट में बड़ा खुलासा
हेनले प्राइवेट वेल्थ माइग्रेशन रिपोर्ट के मुताबिक, 2025 में भारत से 3500 करोड़पति देश छोड़ेंगे। यह आंकड़ा भले ही पिछले वर्षों की तुलना में कम हो, लेकिन इसकी अहमियत कम नहीं है। रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि इन लोगों की सामूहिक संपत्ति करीब 26.2 बिलियन डॉलर (लगभग 2.2 लाख करोड़ रुपये) है, जो देश से बाहर जाएगी।
किस देश का रुख कर रहे हैं भारतीय अमीर?
विदेश जाकर बसने वालों में सबसे बड़ी संख्या ब्रिटेन की ओर झुक रही है, जहां करीब 16,500 करोड़पति अपना डेरा जमा सकते हैं। इसके अलावा करीब 8,000 करोड़पति चीन से, और 1,000-1,000 करोड़पति फ्रांस और स्पेन से पलायन कर सकते हैं।
यूएई, अमेरिका और सऊदी अरब भी अमीरों की पसंदीदा सूची में शामिल हैं। इन देशों में पहले से ही हजारों भारतीय करोड़पति निवास कर रहे हैं और यह संख्या लगातार बढ़ रही है।
सिर्फ प्रतिभा ही नहीं, संपत्ति भी कर रही है पलायन
विशेषज्ञों का मानना है कि यह सिर्फ ब्रेन ड्रेन नहीं है, बल्कि वेल्थ ड्रेन भी है। जब अमीर देश छोड़ते हैं, तो उनके साथ निवेश, खर्च, और टैक्स रेवेन्यू की संभावनाएं भी दूसरे देशों में चली जाती हैं।
भारत में बेहतर शिक्षा, इंफ्रास्ट्रक्चर और जीवनशैली की तलाश में लोग विदेश की ओर रुख कर रहे हैं, लेकिन इसके पीछे बढ़ती ग्लोबलाइजेशन, वीजा आसानी, और टैक्स सुविधाएं भी एक बड़ी वजह हैं।