सीरवी समाज ट्रस्ट लग्गेरे की ओर से निकला भव्य वरघोड़ा, धर्मसभा में दी गई संस्कारों पर जोर देने की प्रेरणा
बेंगलूरु। सीरवी समाज ट्रस्ट, लग्गेरे की ओर से नव निर्मित आईमाता मंदिर के चार दिवसीय प्राण-प्रतिष्ठा महोत्सव के तीसरे दिन शुक्रवार को धूमधाम से आईमाता का वरघोड़ा निकाला गया। सबसे आगे शांति और एकता का प्रतीक आईमाता का धर्म ध्वज लहराता रहा, जिसके पीछे नवयुवक मंडल के सदस्य जयकारे लगाते चल रहे थे।
झांकियां, ढोल नृत्य और पुष्पवर्षा ने बढ़ाई शोभा
वरघोड़े में सिर पर कलश लिए महिलाएं मंगलगान करते हुए चल रही थीं, वहीं आईमाता के जीवन चरित्र पर आधारित झांकियां आकर्षण का केंद्र रहीं। ढोल नृत्य और चंग की थाप पर गाते गेर मंडलों ने समां बांध दिया। श्रद्धालुओं ने जगह-जगह पुष्पवर्षा और जयकारों से वरघोड़े का स्वागत किया।
बेंगलुरु और राजस्थान की संस्कृति का संगम
वरघोड़े में बेंगलुरु की विभिन्न गेर मंडलों ने रंग-बिरंगी छतरियों और सजे हुए डांडियों के साथ भाग लिया। रथ पर सवार धर्मगुरु दीवान माधव सिंह श्रद्धालुओं का अभिवादन करते हुए चल रहे थे। वरघोड़ा एल.ए.कृष्णप्पा ग्राउंड स्थित पंडाल में पहुंचकर धर्मसभा में परिवर्तित हुआ, जहां वक्ताओं ने शिक्षा और सामाजिक कुरीतियों के उन्मूलन पर जोर दिया।
धर्मगुरु ने किया मंदिर का अवलोकन, दी हवन में आहुतियां
वरघोड़े के उपरांत दीवान माधव सिंह ने मंदिर का अवलोकन किया। अध्यक्ष बाबूलाल चोयल व सचिव चैनाराम चोयल ने उन्हें मंदिर की रूपरेखा की जानकारी दी। इस दौरान धर्मगुरु ने मुख्य यजमानों एवं कार्यकारिणी सदस्यों के साथ हवन में आहुतियां दीं।
शनिवार को होगी प्राण-प्रतिष्ठा, रात्रि भजन संध्या में झूमे श्रद्धालु
शनिवार को शुभ मुहूर्त में दीवान माधव सिंह व बाबा मंडली के सान्निध्य में प्राण-प्रतिष्ठा और हवन की पूर्णाहुति की जाएगी। प्रतिष्ठा उपरांत धर्मगुरु का आशीर्वाद समारोह और अतिथियों का सम्मान किया जाएगा।
रात्रि में आयोजित भजन संध्या में अनिता जांगिड़ एंड पार्टी और हेमराज गोयल ने भजनों की प्रस्तुति दी, जिन पर श्रद्धालु देर रात तक झूमते रहे। बोलियों का संचालन शैतान सिंह राजपुरोहित और प्रेम सीरवी ने किया। शुभारंभ गणपति वंदना से हुआ।
दीवान माधव सिंह का संदेश: बच्चों को संस्कारित करें
धर्मसभा को संबोधित करते हुए दीवान माधव सिंह ने कहा कि मानव को अपने कर्मों के अनुसार सुख-दुख की प्राप्ति होती है। पूर्वजों के पुण्य प्रताप और आईमाता के प्रति आस्था से ही समाज की प्रगति हुई है। उन्होंने कहा कि बच्चों को धर्म और संस्कार की शिक्षा बचपन से देनी चाहिए, ताकि वे समाज के संस्कारित कर्णधार बन सकें।
समारोह में अध्यक्ष बाबूलाल चोयल, सचिव चैनाराम चोयल, उपाध्यक्ष बाबूलाल सोलंकी, सहसचिव शोभाराम हाबड़, कोषाध्यक्ष कुकाराम आगलेचा, सह-कोषाध्यक्ष बगदाराम सिंदड़ा सहित अनेक कार्यकर्ता उपस्थित रहे।