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Sunday, November 17, 2024

40 लाख की घूसखोरी में अग्रिम जमानत मिलने के बाद कर्नाटक के BJP विधायक का गृहनगर में हुआ हीरो जैसा स्‍वागत

दावणगेरे : कर्नाटक हाईकोर्ट ने मंगलवार को रिश्वत मामले में चन्नागिरी के भाजपा विधायक के मदल विरुपक्षप्पा को पांच लाख रुपये के बॉन्ड और मुचलके पर अंतरिम अग्रिम जमानत दे दी। जमानत के बाद, पार्टी कार्यकर्ताओं ने विरुपक्षप्पा का जोरदार स्वागत किया। उन्हें 48 घंटे के अंदर लोकायुक्त के सामने पेश होने का आदेश भी दिया गया है।

कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले के बाद बेंगलुरु एडवोकेट्स एसोसिएशन ने मदल विरुपक्षप्पा की अंतरिम अग्रिम जमानत अर्जी को लेकर सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) को पत्र लिखा है। एसोसिएशन का कहना है कि अग्रिम जमानत जैसे मामलों की मंजूरी मिलने में कई दिन, हफ्ते लग जाते हैं लेकिन वीआईपी मामलों पर रातोंरात विचार कर लिया जाता है।

बेंगलुरु एडवोकेट्स एसोसिएशन का कहना है कि यह अत्यंत महत्वपूर्ण है कि एक विधायक को भी एक आम आदमी के रूप में माना जाना चाहिए। हम कर्नाटक के मुख्य न्यायाधीश से अपील करते हैं कि रजिस्ट्री को सभी अग्रिम जमानत मामलों को एक दिन में पोस्ट करने का निर्देश दें ताकि आम आदमी के साथ भी एक वीआईपी के रूप में व्यवहार किया जा सके।

मैं लोकायुक्त को जवाब दूंगा: विरुपक्षप्पा
विधायक मदल विरुपक्षप्पा ने लोकायुक्त की कार्रवाई पर जवाब देते हुए कहा कि सुपारी की धरती कहे जाने वाले चन्नागिरी में आम आदमी के घर में भी 4-5 करोड़ रुपये होंगे। मेरे और भी बिजनेस हैं। मेरे घर में जो नकदी मिली है वह भ्रष्टाचार से नहीं कमाई गई है। मैं लोकायुक्त को जवाब दूंगा।

गौरतलब है कि लोकायुक्त की भ्रष्टाचार रोधी शाखा ने हाल ही में उनके बेटे प्रशांत मदल को 40 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया था। इसके बाद पांच दिन से विरुपक्षप्पा फरार थे। प्रशांत मदल को लोकायुक्त अधिकारियों ने उसके कार्यालय से रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा था। करप्शन विंग को भाजपा विधायक के कार्यालय से 1.7 और घर से करीब छह करोड़ रुपये बरामद हुए हैं। लोकायुक्त को रिश्वत मांगने की शिकायत मिली थी। लोकायुक्त की इस कार्रवाई के बाद मदल विरुपक्षप्पा ने कर्नाटक साबुन और डिटर्जेंट लिमिटेड के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। 

लगातार दो बार विधायक चुने जा चुके हैं मदल 
मदल विरुपक्षप्पा लगातार दो बार दावणगेरे जिले के चन्नागिरी निर्वाचन क्षेत्र से विधायक हैं। उन्होंने 2018 के विधानसभा चुनाव में अपने हलफनामे में 5.73 करोड़ रुपये की संपत्ति का खुलासा किया था। 2013 के चुनावों में, उन्होंने 1.79 करोड़ रुपये की संपत्ति घोषित की थी। 

इसी साल होना है विधानसभा चुनाव
कर्नाटक में इसी साल विधानसभा चुनाव होना है। ऐसे में लोकायुक्त की ये कार्रवाई चर्चा विषय बना हुआ है। बताया जाता है कि भाजपा विधायक के बेटे के खिलाफ हुई ये कार्रवाई चुनावी मुद्दा भी बन सकती है।

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