चुनाव आयोग (ईसी) ने आगामी लोकसभा चुनाव और चार राज्यों के विधानसभा चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है। आयोग ने केंद्र से लोकसभा और आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, ओडिशा एवं सिक्किम विधानसभा चुनावों के दौरान चरणबद्ध तरीके से तैनाती के लिए 3.4 लाख केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) कर्मियों की मांग की है। चुनाव आयोग ने ट्रेनों में सभी उचित सुविधाओं के साथ पर्याप्त रोलिंग स्टॉक भी मांगा है। ताकि, चुनाव कर्तव्यों को पूरा करने के लिए परेशानी मुक्त लामबंदी और बलों की समय पर आवाजाही सुनिश्चित हो सके।
गृह मंत्रालय (एमएचए) को भेजे पत्र में चुनाव आयोग ने कहा है कि सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों ने चुनाव के दौरान क्षेत्र प्रभुत्व, विश्वास-निर्माण के उपाय, मतदान के दिन से संबंधित कर्तव्य, इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) और स्ट्रांग रूम केंद्रों की सुरक्षा, मतगणना केंद्र की सुरक्षा आदि जैसे चुनाव संबंधी कर्तव्यों के लिए सीएपीएफ की तैनाती का अनुरोध किया है।
आयोग ने राज्य के सीईओ द्वारा किए गए अनुरोधों पर विचार किया है। आयोग ने स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव सुनिश्चित करने के लिए चरणबद्ध तरीके से सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में सीएपीएफ की अधिकतम 3,400 कंपनियों को तैनात करने का निर्णय लिया है।
एक सीएपीएफ कंपनी में लगभग 100 कर्मी शामिल होते हैं। पश्चिम बंगाल में चरणबद्ध तरीके से सीएपीएफ की अधिकतम 920 कंपनियां तैनात किए जाने की उम्मीद है। इसके बाद जम्मू-कश्मीर में 635 कंपनियां, छत्तीसगढ़ में 360 कंपनियां, बिहार में 295 कंपनियां, उत्तर प्रदेश में 252 कंपनियां तैनात होंगी।
वहीं आंध्रप्रदेश, झारखंड और पंजाब प्रत्येक में 250 कंपनियां तैनात की जाएंगी। सीएपीएफ में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ), भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी), सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) और राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) शामिल हैं।